Loksabha Election 2024: साल 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा (BSP) ने अभी तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी ने इसी सिलसिले में मंडलवार कार्यकर्ता सम्मेलनों का सिलसिला रामनगरी अयोध्या से शरू किया था, वह 18वें मंडल के कार्यक्रम साथ लक्ष्मण नगरी लखनऊ में पूरा हुआ. इस मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने लखनऊ मंडल के सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को पार्टी का संदेश देकर मिशन मोड में लगने को कहा. अब 20 जनवरी से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल जिलों का दौरा शुरू करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि बसपा 2024 में किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी. 


एससी-एसटी, अल्पसंख्यकों व अतिपिछड़ों पर फोकस
बसपा नेताओं के जो सुर इस वक्त देखने को मिल रहे हैं. उससे इतना तो साफ है कि पार्टी एससी-एसटी के साथ अल्पसंख्यकों और अतिपिछड़ों का गठजोड़ तैयार करना चाहती है. यही वजह है कि बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) भी कई बार बीजेपी की पसमंदा मुसलमानों वाली पॉलिटिक्स पर सवाल उठा चुकी हैं. बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल (BSP president Vishwanath Pal) ने कहा विधानसभा का जो चुनाव हुआ था, सभी जानते है कि उसमें पांच सांसद वाली सपा से बीजेपी की लड़ाई दिखाई गई. जबकि बसपा के 10 सांसद हैं. बसपा देश की राष्ट्रीय पार्टी है और उसे डमी और बीजेपी की बी टीम बताया गया और क्षेत्रीय पार्टी को लड़ाई में बताया गया. बसपा एक ऐसी पार्टी है, जिसका सिर्फ एससी-एसटी बेस वोट 25-26 परसेंट है. उसको डमी पार्टी बताया गया. जबकि 6-7 परसेंट बेस वोट वाली पार्टी को लड़ाई में दिखाया गया, यह बसपा के साथ बहुत बड़ा षड्यंत्र था.


बसपा नेता ने बताया, विधानसभा में क्यों हारी बसपा
बसपा प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समाज को डराया गया. उनको यह दिखाया गया कि सपा लड़ाई में है, जिसका कोई बेस नहीं है. इसी वजह से सपा को 20 परसेंट वोट अल्पसंख्यकों का मिला. जब्कि उनका अपना वोट  मा 8 परसेंट ही मिला और 2-3 परसेंट माहौल का मिला तो समाजवादी पार्टी 31 परसेंट पर पहुंच गई. अगर ईमानदारी से बसपा को लड़ाई में दिखाया गया होता तो हमारा एससी-एसटी वोट 26 परसेंट था और अगर 20% मुस्लिम समाज हमारे साथ आया होता तो यह 46 परसेंट हो जाता है. इसके अलावा अति पिछड़ा वर्ग पहले भी बसपा के साथ मजबूती से रहा है. इन्हीं के बल पर 2007 में बसपा पूर्ण बहुमत की सरकार बना पाई थी. यही वजह है कि सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी बोला है कि बिना बसपा की बहुमत आए सर्व समाज का न्याय नहीं हो सकता.


सभी समाज को जोड़ेगी बसपा
विश्वनाथ पाल ने कहा कि उन्हें 20 दिसंबर को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और 23 दिसंबर से उन्होंने मंडलवार कार्यक्रम शुरू कर दिए. मंडलवार कार्यक्रम करके हम अल्पसंख्यक, पिछड़ों, न्याय पसंद ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य समाज को अपने साथ जोड़ने का काम कर रहे हैं. सम्मेलनों में हम सबको बता रहे हैं कि जिस तरह 2007 में सर्व समाज के साथ पूरे पिछड़े समाज, अल्पसंख्यक समाज ने बसपा की बहुमत की सरकार बनाने का काम किया था, फिर आने वाले 2024 में भी वैसे ही करें. उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि निकाय चुनाव में भी अच्छा रिजल्ट आएगा. 


ईवीएम पर जताया शक
उन्होंने दावा किया कि बसपा का जनादेश कभी नहीं घटा. जब से बसपा बनी है, तब से लगातार जनाधार बढ़ता जा रहा था. जब से ईवीएम (EVM) का इस्तेमाल शुरू हुआ है, तब से वोट प्रतिशत घटना शुरू हुआ है. इसमें कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है. जिस देश के लोगों ने ईवीएम को शुरू किया, कुछ दिन के बाद उन्होंने भी गड़बड़ी को देखते हुए उसे बंद कर दिया. लेकिन भारत में सभी दल के लोग इसका विरोध करते हैं, फिर भी इस्तेमाल हो रहा है.


2024 में किसी से गठबंधन नहीं करेगी बसपा
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की ओर से बसपा को सीजनल पार्टी कहने पर विश्वनाथ पाल ने कहा कि बीजेपी के लोगों के कहने से हमारी पार्टी नहीं चलेगी. मंडल स्तरीय सम्मेलन के बाद अब हमारी सेक्टर वार बैठके चल रही है, उसमें जाएंगे. हमारे कोऑर्डिनेटर, जिला अध्यक्ष, संगठन के लोग लगातार मीटिंग कर रहे हैं. सेक्टर और बूथ पर जाकर समीक्षा कर रहे हैं. मैं भी जाऊंगा और मीटिंग में शामिल होऊंगा. अखिलेश यादव के केसीआर की रैली में जाने पर बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अखिलेश क्या कर रहे, बीजेपी क्या कर रही है, हम नहीं जानते. बसपा अध्यक्ष मायावती ने बोला है किसी से गठबंधन नहीं होगा. गठबंधन होगा अल्पसंख्यक समाज से, बैकवर्ड से, अति पिछड़े से, एससी-एसटी से, न्याय पसंद ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य से.


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