UP Budget 2023: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई. पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने विपक्ष की नारेबाजी और शोरगुल के बीच अभिभाषण पढ़ा. जिसके बाद दूसरे दिन विधानसभा में राज्य के दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई. अब 22 फरवरी को राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Khanna) बजट पेश करेंगे. इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की प्रतिक्रिया आई है. 


भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, "जैसा दिल्ली वालों ने दिया है ऐसा ही यूपी वाले देंगे. इनको लेकर आना चाहिए कि पानी पर हमारी क्या योजना है, यानी हम हर खेत को पानी देंगे. फसलों के दाम पर काम करना चाहिए. जैसे छत्तीसगढ़ में है कि हम फसलों की खरीब करेंगे और एमएसपी से नीचे पर खरीद नहीं करेंगे. उसपर काम करना चाहिए. लेकिन किस चीज पर लेकर आएंगे ये कल ही पता चलेगा."



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सरकार के सामने रखी मांग
किसान नेता ने कहा, "ये किसानों का नाम लेते रहेंगे. जबतक देश में एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनेगा. उसमें तो बजट की भी जरूरत नहीं है. आपको तो केवल कानून बनाना है. लेकिन ये कुछ नहीं करेंगे. ये केवल लोगों को बहकाते रहेंगे. क्या इनको करना है, ये कुछ नहीं देंगे. ये केवल कागजों में काम करते हैं. सरकार अब कर रही है कि इनको हिंदू मुस्लिम कैसे बनाया जाए. इनको छोटा बड़ा कैसे बनाया जाए."


उन्होंने कहा, "नागपुर पॉलिसी देश में चल रही है. जिसमें सभी निर्णय वहीं से होकर आता है. उसी पर ये काम चल रहे हैं. जब-जब राजनीति धर्म पर हावी होगी तो यही हाल होंगे. शूद्र कौन नहीं है, सारे तो शूद्र हैं. मिट्टी के सने हुए हाथ खेत में काम कर रहे हैं. शूद्र सब हैं. जो गांव में रहता है और खेत में काम करता है. मिट्टी में उसके हाथ सने हुए हैं."