UP Politics: 'राज्यपाल से झूठा अभिभाषण पढ़वा रही सरकार', सपा नेता नरेश पटेल का BJP पर हमला
UP News: यूपी सपा अध्यक्ष ने कहा कि हमने अनुरोध किया कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के पहले और बजट आने के बीच में प्रश्नकाल कराया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार को धरातल पर देखना चाहिए.
UP Budget 2023 News: उत्तर प्रदेश विधानसभा में धरना दे रहे सपा विधायकों को जबरन हटाने, उनसे धक्का मुक्की करने और मीडिया से अभद्रता के मामले को लेकर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल (Naresh Uttam Patel) ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 20 फरवरी को सदन का पहला दिन था और सपा पहले की तरह चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर एक संकेतिक धरना देकर अपनी बात उठाने का काम करती है. उन्होंने कहा कि सदन का समय बहुत कम है, पिछले साल भी सिर्फ 14 दिन चला. वहां बात नहीं हो पाती है, इस वजह से जब हम चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर धरना देने जा रहे थे, तो पुलिस बल को लगाकर हमें रोका गया. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने तब भी वहां धरना दे दिया, लेकिन पत्रकारों के साथ जो हुआ, जिस तरह का अभद्र व्यवहार हुआ उसका समाजवादी पार्टी पुरजोर निंदा करती है. इस तरह का व्यवहार पत्रकारों के साथ कभी नहीं हुआ.
क्या कहा सपा प्रदेश अध्यक्ष ने?
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सोमवार को सत्र का पहला दिन था, संयुक्त सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण हुआ, लेकिन सरकार उनसे सब गलत झूठी बातें पढ़वा रही थी जिसका सपा ने विरोध किया. सरकार को धरातल पर देखना चाहिए और आइना दिखाना चाहिए. उन्होंने कहा कि रज्यपाल के अभिभाषण में कुछ सच्चाई नहीं थी, जिसका सपा ने पुरजोर विरोध किया ताकि सच्चाई सामने आए. उन्होंने कहा कि मैं विधान परिषद का सदस्य हूं. मैंने सभापति से कहा कि 22 फरवरी प्रश्नकाल हो, लेकिन उस दिन सिर्फ बजट प्रस्तुत होने के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू करा रहे हैं.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि हमने अनुरोध किया कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के पहले और बजट आने के बीच में प्रश्नकाल कराया जाए. जनता के सवाल हैं, विपक्ष के लोगों ने सवाल लगाए हैं, उन सवालों को लीजिए, लेकिन पीठ ने मना कर दिया कि हम 22 को प्रश्नकाल नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सपा की इस पर भी आपत्ति है. यह निर्णय सरकार के दबाव में है. हम चाहते हैं कि प्रश्नकाल हो, जिसमें किसानों, बेरोजगारी से जुड़े जो सवाल हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के गलत काम जो हम उजागर करना चाहते हैं वे होने चाहिये.