लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू हो रहा है. 22 फरवरी को सदन में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेंगे. यह सत्र 10 मार्च तक प्रस्तावित है. 2022 के चुनाव से पहले योगी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होगा. सरकार की कोशिश है कि इसे एक चुनावी बजट के तौर पर पेश किया जाए. जबकि विपक्ष ने भी सदन में सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है. विपक्ष के पास कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर वो इस बजट सत्र में सरकार को घेरेगी.


18 फरवरी को विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत सुबह 11 बजे राज्यपाल के अभिभाषण से होगी. इस सरकार का ये अंतिम पूर्ण बजट होगा. ऐसे में इसके पूरी तरह से हंगामेदार रहने की उम्मीद काफी ज्यादा है. दरअसल, कोरोना के चलते अगस्त में जो मॉनसून सत्र बुलाया गया था, वो महज तीन दिन का ही था और ऐसे में तमाम मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाई थी. लेकिन अब यह बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू होकर 10 मार्च तक प्रस्तावित है. सदन में सरकार को 22 फरवरी को बजट भी पेश करना है. तो जाहिर है इस बार विपक्ष ने भी अपनी तैयारी जोरदार की होगी.


इन मुद्दों पर सरकार को घेर सकता है विपक्ष


विपक्ष के पास कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें लेकर वो सदन में सरकार को घेरेगी. इनमें सबसे बड़ा मुद्दा लंबे समय से जारी किसानों का आंदोलन है. जिसमें समय समय पर विपक्षी दलों के नेता शामिल होते रहे हैं और अब जब सत्र की शुरुआत हो रही है तो भला विरोधी दल इस मुद्दे को कैसे छोड़ देंगे. इसके अलावा हाथरस की घटना भी ऐसी घटना रही है जिस पर विपक्ष ने खूब हंगामा किया था. विपक्षी दलों के नेताओं ने तो हाथरस में जाकर धरना भी दिया था और अब जब सत्र शुरू हो रहा है तो एक बार फिर इसी मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश होगी. वहीं लगातार बढ़ती आपराधिक घटनाएं, महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध और शराब से हुई मौतें, कासगंज में शराब माफिया की हमले में पुलिसकर्मी की मौत कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें विपक्ष सदन में उठाने की तैयारी कर रहा है. सपा के एमएलसी रामवृक्ष यादव का साफ तौर पर कहना है कि किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. सरकार किसानों की बात नहीं मान रही है और सपा लगातार किसानों के साथ है सदन में भी उनके मुद्दे को उठाएगी.


अगर विपक्ष ने सरकार को सदन में घेरने की तैयारी कर रखी है तो सरकार की भी तैयारी है कि वह विपक्ष के इन हमलों का सदन में कैसे जवाब देगी. आंकड़ों के जरिए सरकार सदन में विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने की तैयारी कर रही है. यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का साफ तौर पर कहना है कि उत्तर प्रदेश में किसानों के आंदोलन का कोई वजूद ही नहीं है और यहां किसानों का कोई आंदोलन चल ही नहीं रहा है, वो तो साफ तौर पर कह रहे हैं कि इस सरकार ने किसानों के लिए जितना काम किया है उतना किसी भी सरकार में नहीं हुआ. उनका यह भी कहना है कि विपक्ष के पास कोई काम नहीं है और वह अच्छे कामों को भी गलत नजरिए से ही देखती है.


महत्वपूर्ण विधेयकों को सदन में पास कराने की तैयारी


विधानसभा के बजट सत्र के दौरान ही सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को भी सदन में पास कराने की तैयारी कर रही है. इनमें यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 और यूपी लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक 2021 शामिल है. विधानसभा में तो बीजेपी के पास संख्या बल है वहां उसे विधेयक पास कराने में कोई दिक्कत नहीं आएगी लेकिन विधान परिषद में जो उच्च सदन है वहां बीजेपी के पास नंबर नहीं है ऐसे में विधेयक को वहां पास कराने में दिक्कत आएगी. समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य कह रहे हैं कि लव जिहाद को लेकर बीजेपी ने केवल एक हव्वा खड़ा किया है. वह संकेत दे रहे हैं कि सदन में इसका विरोध करेंगे. जबकि सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि सभी विधेयक आसानी से सदन में पास हो जाएंगे.


जाहिर है विधानसभा का ये सत्र काफी हंगामेदार होगा क्योंकि यह बजट सत्र 10 मार्च तक चलना है. ऐसे में विपक्ष की तैयारी होगी कि वह अलग-अलग मुद्दों को लेकर सदन में सरकार को घेरे, जबकि सरकार की कोशिश होगी कि वो सभी विधेयकों को सदन में पास करा ले.


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