UP By-Election 2022: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव (Mainpuri By-Election) हो रहा है. इस सीट पर पांच दिसंबर को वोटिंग होगी जबकि आठ दिसंबर को काउंटिंग होगी. मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के निधन के बाद चुनाव हो रहा है. हालांकि सपा का 'अभेद्य किला' रहे मैनपुरी (Mainpuri) में भी अब समीकरण बदले हुए से नजर आ रहे हैं.
मुलायम सिंह यादव के अलावा कई दिग्गज नेताओं का गढ़ रहे मैनपुरी में बीजेपी अब सीधे चुनौती पेश कर रहे है. हालांकि इस सीट पर 1951 से 1977 तक कांग्रेस का कब्जा रहा. लेकिन 1977 में पहली बार भारतीय लोकदल के रघुनाथ सिंह वर्मा चुनाव जीते थे. 1980 में भी कांग्रेस ये सीट हार गई. हालांकि 1984 में कांग्रेस बलराम सिंह यादव यहां से सांसद चुने गए.
लेकिन इस चुनाव के बाद सपा का वर्चस्व मैनपुरी में बन गया. तब 1989 के लोकसभा चुनाव उदय प्रताप सिंह सांसद जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते, इसके बाद 1991 में भी दूसरी बार उन्होंने जीत दर्ज की. 1992 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी का गठन किया. इसके बाद से मैनपुरी में कभी सपा चुनाव नहीं हारी है.
UP Politics: गोला उपचुनाव में सपा को मिली हार, बसपा का चुभता हुआ प्रहार, अब मिली नई चुनौती
कैसे बदले हैं समीकरण
इन सबके बीच मुलायम सिंह यादव 2004 से सांसद थे. लेकिन अब उनका निधन हो गया. जिसके वजह से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. लेकिन इन सबके बीच खास बात है कि बीजेपी इस लोकसभा सीट पर कभी जीत दर्ज नहीं कर पाई है. हालांकि बीते दो चुनावों से दूसरे नंबर पर रही है. इसके अलावा सपा और बीजेपी में जीत-हार का अंतर भी काफी कम हुआ है.
2014 लोकसभा चुनाव में नेताजी ने बीजेपी उम्मीदवार को 2,63,381 वोटों के अंतर से हराया था. तब उन्हें 60 फीसदी और बीजेपी को 23 फीसदी वोट मिले थे. लेकिन 2019 के चुनाव में नेताजी केवल 94,389 वोट के अंतर से जीत सके. तब सपा को 54 फीसदी और बीजेपी 23 फीसदी की जगह 43 फीसदी मिले थे. इस वजह से माना जा रहा है कि अब यहां भी अखिलेश यादव को चुनौती मिलेगी.