वोटिंग से पहले अखिलेश यादव ने खेला 'इमोशनल कार्ड', नेताजी के नाम पर मैनपुरी की जनता से की ये अपील
मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri Bypoll) में वोटिंग से पहले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक बार फिर से इमोशनल कार्ड खेला है.
UP By-Election 2022: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव को लेकर प्रचार अभियान तेज हो चुका है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपनी पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) के लिए मैनपुरी (Mainpuri) में कैंपेन कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने मंगलवार को प्रबुद्ध समाज के कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने नेताजी के नाम पर इमोशनल कार्ड खेला है.
अखिलेश यादव ने कहा, "मैनपुरी में लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है. ये विशेष परिस्थितियों में चुनाव हो रहा है. नेताजी ने जब कभी भी अपील की है तो नेताजी के नाम पर मतदान कर उनको चुनकर भेजा गया है. नेताजी मैनपुरी के लोगों को घर का सदस्य मानते थे. यहां के लोगों की कोई भी व्यक्तिगत समस्या और परिवार की समस्या में नेताजी ने मदद की है."
सपा प्रमुख ने कहा, "मैनपुरी में जो विकास का काम हुआ है वो नेताजी ने ही किया. आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर नेताजी को बुलाया था. उन्होंने पूछा कब उद्घाटन होगा. मैंने कहा था 36 महीने. उन्होंने शिलान्यास करने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा था कि 24 महीने में होगा. कंपनियों से बात करके मैंने उन्हें भरोसा दिया था. 23 महीने में ही एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हो गया."
गेंदालाल दीक्षित और राम प्रसाद बिस्मिल को किया याद
अखिलेश यादव ने कहा, "अक्सर नेताजी पंडित गेंदालाल दीक्षित का नाम लिया करते थे. गेंदालाल दीक्षित और राम प्रसाद बिस्मिल औरैया के रहने वाले थे. अगर हमें कोई बड़ा काम करना पडेगा तो गेंदालाल दीक्षित और राम प्रसाद बिस्मिल के नाम पर कुछ बड़ा करेंगे. उन्होंने आजादी के लिए बड़ी लड़ाई लड़ी है. बीजेपी को अपनी सरकार की शपथ लेनी थी, वो शपथ अटल बिहारी स्टेडियम के नाम से रखा गया. लेकिन स्टेडियम भी समाजवादियों का बनाया हुआ है."
उन्होंने कहा, "ये चुनाव बहुत अलग चुनाव है. पूरा देश देख रहा है मैनपुरी की जनता क्या फैसला लेने जा रही है. हम आपको भरोसा दिलाते हैं. पवन पांडेय को किसने हराया, बीजेपी ने हराया. पूजा शुक्ला सबसे कम उम्र की विधायक होती, इनको बीजेपी ने हराया था. बनारस में ईवीएम पकड़ी गईं थी. पॉलिटिकल पार्टियों को जानकारी दी जानी चाहिए थी."