UP ByPolls 2024: यूपी की 9 सीटों पर उपचुनाव की प्रक्रिया जारी है. अभी सभी दलों की ओर से हर सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हुई है. बहुत से दल ऐसे हैं जिन्होंने अभी अपने एक भी प्रत्याशी का नाम नहीं ऐलान किया है. इसमें बीजेपी शीर्ष पर है. अब चुनाव में चुनाव लड़ना और टिकट पाकर जीतने का सपना हर नेता को होता है. उपचुनाव में कानपुर की हॉट सीट सीसामऊ भी शामिल है.


इस सीट पर बीजेपी से लगभग सौ से अधिक दावेदारों ने अपनी दावेदारी ठोकी है लेकिन बीजेपी ने अभी किसी नाम पर मुहर नहीं लगाई है. हालांकि जानकारों की मानें तो बीजेपी नामांकन के आखिरी दो दिन पहले अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती है. ऐसे में एक बड़ा सवाल है कि सौ की भीड़ में चुनाव लड़ने का सपना किसी एक का ही पूरा होगा तो क्या बाकी दावेदार नाराज़गी जाहिर कर बीजेपी के लिए मुसीबत बन सकते हैं? इस सीट पर तीन दशक से सपा के अलावा और किसी का प्रत्याशी नहीं जीता है.


कानपुर की सीसामऊ सीट पर शहर के कई बड़े बीजेपी नेता जो अपने या अपनों के लिए प्रतिष्ठा लगाए बैठे हैं. बीजेपी के पूर्व सांसद / पूर्व मंत्री अपने बेटे और बेटी को इस सीट से टिकट दिलाना चाहते हैं. इससे पहले वही पूर्व सांसद अपने लिए लोकसभा का टिकट मांग रहे थे लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने चुनाव न लड़ने का पत्र जारी किया था.


बहराइच हिंसा के बाद बुलडोजर एक्शन पर रोक, हाईकोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए दिया 15 दिन का समय


इस सीट पर बीजेपी जिलाध्यक्ष , कई पूर्व विधायक और एम एल सी भी यहां टिकट की लाइन में हैं. ऐसे ही सौ से अधिक दावेदार अपनी अपनी भाग्य की आजमाइश कर रहे हैं. अंदर खाने से इस बात की भी चर्चा है कि बीजेपी इस सीट पर कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए नेता अजय कपूर को भी मैदान में उतारने के मूड में है.


हो सकती है नाराजगी!
इस सीट पर सपा ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा पहले ही कर दी है. सपा में सभी को इस बात की जानकारी भी थी कि टिकट सोलंकी परिवार को ही मिलना है जिसके चलते किसी ने ज्यादा हांथ पांव नहीं चलाए लेकिन बीजेपी में इस सीट पर सौ से अधिक दावेदारों बीजेपी के लिए परेशानी का सबब भी हो सकती है. टिकट किसी एक का ही शीर्ष नेतृत्व की ओर से फाइनल किया जाएगा लेकिन अपनी अपनी उम्मीद में नेताओं की दावेदारी खराब भी होगी.


अगर बीजेपी बाहर से बीजेपी में शामिल हुए नेता को टिकट देती है तो विरोध तय माना जा रहा है. पुराने और अनुभव वाले नेताओं की जगह अगर किसी और को टिकट मिलता है तो पुराने नेता भी अपने ताकत की आजमाइश करेंगे. फिलहाल बीजेपी अभी समीकरणों पर मंथन कर रही है जिसमें सबको साथ भी लेकर चलना है , चुनाव भी जीतना है और विरोध को भी शांत करना है. अब देखना है कौन सा प्रत्याशी इस सीट पर बीजेपी उतारती है , और प्रत्याशी फाइनल होने के बाद किस तरह की समस्याएं सामने आ सकती हैं.