UP Politics: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सियासी जमीन मजबूत करने में जुटी है. इसी क्रम में शुक्रवार को रालोद से इस्तीफा देकर नए घर की तलाश कर रहे पूर्व मंत्री डॉ मैराजुद्दीन ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. गाजियाबाद में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार राय और यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली. डॉ मैराजुद्दीन की ज्वाइनिंग से कांग्रेस बेहद उत्साहित हैं. चर्चा है कि जल्द कुछ और लोग भी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं. 


यूपी उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. ऐसे में सपा और कांग्रेस पूरी ताकत झोंक रही है कि इंडिया गठबंधन मजबूती से उपचुनाव जीते. इसी को लेकर गाजियाबाद में कांग्रेस ने संविधान बचाओ संकल्प सम्मेलन किया था, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार राय और यूपी प्रभारी विनाश पांडेय भी पहुंचे थे. मंच पर पूर्व मंत्री मैराजुद्दीन भी पहुंच गए और तभी ये तस्वीर साफ हो गई थी कि डॉ मैराजुद्दीन कांग्रेसी हो गए हैं. 


कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व रालोद नेता
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय ने पटका पहनाकर डॉ मैराजुद्दीन का कांग्रेस में स्वागत किया. कांग्रेस ने उपचुनाव से पहले उन्हें पार्टी में शामिल करके बड़ा संदेश देने की कोशिश की है. मेरठ के मैराजुद्दीन प्रदेश में रालोद के कोटे से पूर्व मंत्री भी रहे हैं. वो रालोद के राष्ट्रीय महासचिव जैसे पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं, लेकिन अचानक से रालोद से उनका मोह भंग हो गया था. 


उन्होंने जयंत चौधरी पर मुस्लिमों की अनदेखी का आरोप लगाकर 24 सिंतबर को रालोद से इस्तीफा दे दिया था। रालोद छोड़ने के बाद वो कहां जाएंगे, इसको लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे थे. शुरू से ही चर्चा थी कि वो कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं लेकिन उन्होंने इस पर चुप्पी साध रखी थी. 


उपचुनाव में होगा कांग्रेस को फायदा
मैराजुद्दीन को कांग्रेस ज्वाइन कराने के लिए पार्टी नेतृत्व ने कांग्रेस नेता अहमद हमीद सहित कई नेताओं को जिम्मेदारी दी थी. जिस दिन उन्होंने रालोद को अलविदा कहा था उसी दिन कांग्रेस नेता अहमद हमीद उनके घर पहुंच गए थे. उनके साथ ही पीसीसी मेंबर मोहम्मद इमरान, चौधरी यशपाल सिंह, के.के.शर्मा और हरेन्द्र अग्रवाल को भी लगाया गया था. 


कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद पूर्व मंत्री ने कहा कि सेक्यूलर फोर्सेस को मजबूती जब तक नहीं मिलेगी देश मजबूत नहीं होगा. इसलिए राहुल गांधी के हाथ मजबूत करना बेहद जरूरी है. राहुल गांधी की जो लीडरशिप बदली है उसका देश में बड़ा असर गया है. उपचुनाव के दौरान कांग्रेस में एंट्री करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन की मजबूत जीत होगी, क्योंकि देश के हालात बदल रहे हैं. 


बैंक में रखे कीमती आभूषण और लाखों रुपये चट कर गई दीमक, लॉकर खुला तो मचा हड़कंप