UP By Election 2024: यूपी उपचुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद संगम नगरी प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट का सियासी माहौल गरमाने लगा है. समाजवादी पार्टी ने यहां तीन बार के विधायक रहे मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी को अपना उम्मीदवार बनाया है. मुजतबा सिद्दीकी ने चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है.


सपा प्रत्याशी ने कहा है कि बीजेपी उनके खिलाफ अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पा रही है. बीजेपी के पास ना तो कोई प्रत्याशी है और ना ही कोई मुद्दा. महंगाई-बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और क्षेत्र के पिछड़ेपन से जनता बीजेपी से बेहद नाराज है और उससे छुटकारा पाना चाहती है. उन्होंने दावा किया है कि बीजेपी कहीं मुकाबले में नहीं है, उनका चुनाव जनता लड़ रही है. 


सपा नेता के मुताबिक फूलपुर की जनता बेहद जागरूक और जिम्मेदार है. वह डबल इंजन की सरकार से हिसाब मांग रही है. सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण करने की बीजेपी की कोशिश यहां कतई कामयाब नहीं होगी. पिछड़ों और दलितों को इस बात का डर है कि बीजेपी आने वाले दिनों में उनके आरक्षण को खत्म कर देगी, इसलिए लोग अब उससे दूरी बनाने में लगे हुए हैं.


मुजतबा सिद्दीकी प्रयागराज से रहे बार विधायक


समाजवादी पार्टी ने संगम नगरी प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी को उम्मीदवार बनाया है. मुजतबा सिद्दीकी प्रयागराज से तीन बार विधायक रहे हैं. अखिलेश यादव ने उन्हें उम्मीदवार बनाकर पीडीए फार्मूले के वोटरों को साधने की कोशिश की है. मुजतबा सिद्दीकी फूलपुर विधानसभा सीट के वीरकाजी गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से वकालत की डिग्री ली थी. उन्होंने सियासी जीवन की शुरुआत ग्राम प्रधान के तौर पर की थी, वह करीब आठ सालों तक ग्राम प्रधान थे. 


2002 में BSP के टिकट पर जीते थे चुनाव


विधानसभा का पहला चुनाव उन्होंने साल 2002 में बीएसपी के टिकट पर लड़ा था और जीत हासिल की थी. साल 2007 में वह प्रयागराज की ही सोरांव सीट से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए थे. साल 2012 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. साल 2017 में वह प्रतापपुर सीट से चुनाव लड़े और तीसरी बार विधायक चुने गए थे. यूपी विधानसभा के पिछले चुनाव से पहले वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. साल 2022 में वह प्रयागराज की फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर उम्मीदवार बने, लेकिन एक लाख से ज्यादा वोट हासिल करने के बावजूद उन्हें नजदीकी मुकाबले में महज 2700 वोटो से हार का सामना करना पड़ा था. 


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