UP By Election 2024: यूपी उपचुनाव की वोटिंग के बीच सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि प्रशासन कितना भी जिला अध्यक्ष बना घूमे सपा की नींव नहीं हिला सकता है. एक गांव नहीं जाने कितने गांव में समस्याएं आ रही हैं, बीजेपी वाले वोट नहीं पढ़ने दे रहे. जनता पुलिस प्रशासन का रवैया देखते हुए और उत्साह के साथ समाजवादी पार्टी को वोट दे रही है.


सपा सांसद ने कहा कि मैनपुरी के लोगों के लिए यह कुछ नया नहीं है, कमरिया घोसी वाद मैनपुरी में नहीं चलेगा यह तो सब विपक्ष का एजेंडा रहता है. भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी अनुजेश यादव की मां उर्मिला यादव को लेकर कहा 1996 के बाद चुनाव जीती थी उसके बाद दो चुनाव हार गए इसके सिवा उनके पास कोई लोकप्रियता नहीं है. सपा सांसद ने कहा इस बार का उपचुनाव करहल विधानसभा के इतिहास में सबसे बड़ी जीत हासिल किया.


सपा सांसद ने कहा कि तस्वीरें झूठ नहीं बोलती और जो राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी वालों से जिलाधिकारी ने चुनाव के टेंडर ले रखे हैं यह बिल्कुल सत्य प्रतीत होते हैं. यह लगातार हर संभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन ये यह भूल जाते हैं कि चुनाव जनता जीताती है प्रशासन नहीं. वहीं उन्होंने बंटेंगे तो कटेंगे पर बोले एक जिम्मेदार व्यक्ति जो उत्तर प्रदेश जैसे प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं वह प्रदेश जिसने देश को इतनी बड़ी-बड़ी उपलब्धियां दी वहां के मुख्यमंत्री ऐसी आपत्तिजनक बात करें यह उत्तर प्रदेश का दुर्भाग्य है. 


सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, "चुनाव परिणाम 100% समाजवादी पार्टी के पक्ष में है। जो सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भाजपा का टेंडर लिए हुए हैं, उन पर चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए. अगर चुनाव आयोग संज्ञान नहीं लेगा तो उनके विश्वास पर संकट पैदा होगा. मेरी मतदाताओं से अपील है कि एक बार असफल हों तो दूसरी बार कोशिश करें. जब तक अपना मत ना डाल लें तब तक हिम्मत हारने की जरूरत नहीं है."


मुलायम परिवार का अखाड़ा बन गई है करहल सीट


बता दें कि मैनपुरी की करहल सीट इस बार मुलायम परिवार का अखाड़ा बन गई है. इस सीट पर साल 2022 के चुनाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल हराया था. फिर साल 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश के कन्नौज से सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है. यह सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती है और लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी ने मुलायम सिंह यादव के दामाद और सांसद धर्मेंद्र यादव के सगे बहनोई अनुजेश यादव को टिकट देकर इस लड़ाई को रोचक बना दिया है. वहीं अखिलेश ने इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के पोते और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के दामाद तेज प्रताप को मैदान में उतारा है.


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