उत्तर प्रदेश की दस विधान सभाओं पर उपचुनाव होने हैं लेकिन चुनाव आयोग ने अभी सिर्फ 9 सीटों पर चुनाव करने के लिए तारीखों की घोषणा की है जिसमें कानपुर की सीसामऊ सीट भी शामिल है. इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा लंबे अरसे से है. जिस पर बीजेपी की नजर भी है और बीजेपी अपनी जीत दर्ज करना चाहती है.
एक तरफ कानपुर की सीसामऊ सीट के साथ सपा ने प्रदेश की 6 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर घोषणा कर दी है. लेकिन सबसे हॉट कही जाने वाली कानपुर की सीसामऊ सीट पर बीजेपी ने न तो प्रत्याशी घोषित किया है और न ही प्रदेश की अन्य विधान सभाओं के लिए कोई अन्य नामों की घोषणा की है. बीजेपी की देरी कई सवाल खड़े कर रही है कि आखिर चुनाव आयोग की घोषणा एक बावजूद बीजेपी अपने प्रत्याशियों के नाम क्यों नहीं खोल रही है. यह भी बड़ा सवाल है.
सपा की मजबूत प्रत्याशी नसीम सोलंकी इरफान सोलंकी की पत्नी हैं. लंबे समय से इस सीट पर सोलंकी परिवार का ही कब्जा है. इरफान कानूनी दांव पेंच के चलते जेल में हैं लेकिन सपा ने सोलंकी परिवार का साथ नहीं छोड़ा. सपा ने इरफान की पत्नी नसीम को अपना प्रत्याशी बनाकर अपनी सीट पर जीत को मजबूत कर दिया है. अब बीजेपी के प्रत्याशी का इंतजार है.
बीजेपी प्रत्याशी पर संशय बरकरार
बीजेपी ने इस सीट पर अपनी प्रतिष्ठा लगा रखी है. कई मंत्रियों के साथ खुद सीएम इस सीट पर जनसभा कर चुके हैं. ऐसे में अब ये सीट जीतना बीजेपी की नाक की बात है. इस सीट पर बीजेपी की ओर से सौ से अधिक दावेदारों ने अपनी दावेदारी की है. शीर्ष नेतृत्व अभी भी मंथन कर रहा है कि इस सीट पर सपा प्रत्याशी को शिकस्त देने के लिए मैदान में किसे उतारा जाए.
वहीं इसे सीट के मतदाताओं ने बीजेपी की टिकट घोषणा को लेकर देरी की वजह साफ कर दी. मतदाताओं ने अपने अलग-अलग तर्क रखे हैं लेकिन मतदाताओं की बात माने तो बीजेपी इस सीट पर एक ऐसे प्रत्याशी की फिराक में है. जो सभी समीकरणों पर फिट बैठे, लेकिन बीजेपी की देरी इस बात के संकेत दे रही है कि बीजेपी किसी ऐसे को मैदान में उतारेगी जो सभी मायनों में सटीक हो.
क्या है सीसामऊ के मतदाताओं का मूड
सीसामऊ सीट से तमाम मतदाताओं से बात कर इस बात का निचोड़ निकला है कि सपा इस सीट पर मजबूत दिख रही है सोलंकी परिवार से हाजी मुश्ताक सोलंकी, इरफान सोलंकी ने इतना काम किया है कि उस काम से हिंदू और मुस्लिम दोनों तरह के मतदाता खुश थे. अगर बीजेपी किसी ऐसे प्रत्याशी को मैदान में उतरती है जो जनता बीच का हो और उसका मतदाता के बीच में अच्छी छवि हो.
मतदाताओं ने कहा कि, किसी बाहरी प्रत्याशी को उतार कर बीजेपी को इस सीट पर नुकसान मिल सकता है. इस लिए मतदाताओं की माने तो सपा के सामने बीजेपी को ऐसा दावेदार उतरना चाहिए जो मजबूत भी हो, फिलहाल अभी बीजेपी की ओर से कवायद जारी है. कानपुर सीट पर सभी आंकड़ों को देखकर बीजेपी प्रत्याशी उतारेगी. शहर के कई बड़े नाम इस दावेदारी में शामिल है और उनमें से ही किसी एक पर बीजेपी दांव लगा सकती है लेकिन अभी कोई अधिकारी पुष्टि नहीं होने के चलते सभी दावेदारों की धड़कने भी बढ़ी है. अब देखना होगा कि बीजेपी किस प्रत्याशी को सपा के गढ़ में मैदान में उतारती है और कब उसका चेहरा बीजेपी साफ करती है.
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