UP By-Election 2022: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri Bypoll) से पहले परिवार के साथ एकजुट होना शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के लिए महंगा पड़ सकता है. प्रसपा प्रमुख के खिलाफ अब ताबड़तोड़ एक्शन की तैयारी शुरू हो गई है. पहले सुरक्षा में कटौती की गई, इसके बाद रिवरफ्रंट घोटाले (Riverfront Scam) में जांच की बात सामने आई और अब उनके सरकारी आवास पर संकट दिखने लगा है. 


समाजवादी पार्टी के जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव को लखनऊ स्थित लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर मिले बंगले के आवंटन पर संकट के बादल छाए हुए हैं. विधायक के तौर पर आवंटित सरकारी आवास पर यहां प्रसपा का कार्यालय चल रहा है. सरकार अब शिवपाल सिंह यादव के आवास का आवंटन निरस्त करने पर विचार कर रही है. जबकि प्रसपा के कई पदाधिकारियों की सुरक्षा भी वापस लेने की तैयारी हो रही है.


Watch: आजम खान का विवादित बयान, बोले- 'बच्चा मां के पेट से पैदा होने से पहले पूछता है कि...'


सुरक्षा में कटौती और रिवरफ्रंट घोटाला
पहले प्रसपा प्रमुख की सुरक्षा में कटौती की गई थी. राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की बैठक में शिवपाल यादव की सुरक्षा में कटौती का फैसला हुआ था. ये सुरक्षा योगी सराकर की मेहरबानी में साल 2018 में मिली थी. तब पहले उन्हें कैंप कार्यालय के लिए बड़ा बंगला दिया गया था और फिर अक्टूबर महीने में उन्हें Z सिक्योरिटी दे दी गई थी.


वहीं रिवरफ्रंट घोटाले में एक्शन की तैयारी शुरू हो गई है. रिवरफ्रंट घोटाला मामले में सीबीआई ने अपनी पड़ताल शुरू की है. इस मामले में दो तत्कालीन आला अफसरों की भूमिका की पड़ताल प्रारंभ हो सकती है. साथ ही तत्कालीन सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव की भूमिका की सीबीआई जांच कर सकती है.


बता दें कि नेताजी के निधन के बाद से ही शिवपाल यादव परिवार के साथ नजर आ रहे हैं. वहीं अब मैनपुरी उपचुनाव के दौरान पूरा यादव कुनबा एकजुट हो गया है. शिवपाल यादव भी बहू डिंपल यादव के लिए वोट मांग रहे हैं.