UP By-Election 2022: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी (Mainpuri), रामपुर (Rampur) और खतौली (Khatauli) सीट पर उपचुनाव हो रहा है. इस बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) गठबंधन से सपा ने दो सीट और आरएलडी (RLD) ने एक सीट पर प्रत्याशी उतारे हैं. लेकिन सवाल उठ रहा है कि क्या सपा गठबंधन में सब कुछ ठीक चल रहा है?
दरअसल, समाजवादी पार्टी गठबंधन में उपचुनाव के दौरान तीन दल हैं. सपा के साथ जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी और पल्लवी पटेल की पार्टी अपना दल कमेरावादी पार्टी हैं. लेकिन बयानों और चुनावी हलचलों पर गौर करें तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या सपा गठबंधन में सब ठीक है.
इन सवालों के पीछे कि एक वजह है, अखिलेश यादव का चुनावी दौरा. सपा प्रमुख उपचुनाव में प्रचार के लिए मैनपुरी में लगातार कैंप किए हुए हैं. जबकि दूसरी ओर एक दिन रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भी प्रचार करने के लिए जा रहे हैं. लेकिन सपा प्रमुख खतौली उपचुनाव में प्रचार करने के लिए नहीं जा रहे हैं.
पल्लवी पटेल का बयान
बात यहीं खत्म नहीं होती है, अपना दल (क) प्रमुख और सपा विधायक पल्लवी पटेल के बयानों ने इस सवाल को और हवा दी है. बीते दिनों चुनाव प्रचार में जाने के लिए पल्लवी पटेल से जब सवाल किया गया तो उनके बयानों से नाराजगी साफ झलक रही थी.
सपा विधायक ने अपने बयान में तंज कसते हुए कहा, "मुझे तो प्रतीक्षा सूची में रखा गया है. मैनपुरी के प्रचार में मेरी जरूरत है या नहीं, यह पार्टी नेतृत्व और संगठन को तय करना होगा. नेतृत्व अगर चाहेगा तो मैनपुरी में प्रचार करने के लिए जरूर जाऊंगी. पार्टी नेतृत्व ने फिलहाल मुझे वेटिंग में ही रखा है."
उन्होंने आगे कहा, "उम्मीद है कि पार्टी नेतृत्व उचित समय पर कोई फैसला लेगा. नेतृत्व को मेरी क्षमता के बारे में जानकारी है. हो सकता है कि वह किसी खास मौके का इंतजार कर रहा हो." पल्लवी पटेल ने व्यंगात्मक लहजे में कहा, "हो सकता है कि नेतृत्व मुझे कोई एक ऐसा वार करने के लिए भेजें जिसका जबरदस्त असर देखने को मिले. उनके मुताबिक नेतृत्व और संगठन कहेगा तभी प्रचार के लिए जाऊंगी."