अमरोहा: उत्तर प्रदेश के अमरोहा की नौगावां सादात विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी संगीता चौहान ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जावेद अब्बास आब्दी को 15077 मतों से हरा कार जीत दर्ज की है . ये सीट संगीता चौहान के पति चेतन चौहान के निधन के बाद खाली हुई थी. हालांकि, इस बार मुकाबला कड़ा था लेकिन फिर भी बीजेपी अपनी राजनितिक सूझबूझ से इस सीट बचाने में कामयाब रही. इस बार इस सीट पर बीजेपी की जीत के कई कारण रहे तो सपा के हारने की भी कई वजहें रहीं.
संगीता चौहान ने किया प्रचार
बीजेपी की जीत के कारणों की बात करें तो चेतन चौहान के निधन के तुरंत बाद ही उनकी पत्नी संगीता चौहान ने अपने बेटे के साथ क्षेत्र में घूम घूमकर चेतन चौहान की राजनितिक पारी को संभालने के साफ संकेत दे दिए थे और उसके बाद जैसे ही उपचुनाव की तारीखें घोषित हुईं तो संगीता चौहान ने गांव-गांव जाकर अपना प्रचार शुरू कर दिया था. संगीता चौहान पूरे मैनेजमेंट के साथ अपने प्रचार में जुटी हुई थीं और एक पीआर कंपनी की टीम उनके साथ 24 घंटे रहती थी जो पल पल की न्यूज रिपोर्टिंग और संगीता चौहान के वीडियो फोटो आदि सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए मीडिया और क्षेत्र की जनता तक पहुंचा रही थी.
बड़े नेताओं ने किया प्रचार
सपा, बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बीजेपी ने संगीता चौहान के टिकट की घोषणा की थी. लेकिन, संगीता पूरी तरह आश्वस्त होकर पहले से ही चुनाव प्रचार कर रही थीं जिसका उन्हें बड़ा लाभ भी हुआ. चेतन चौहान की साफ छवि और संगीता चौहान के पढ़ी लिखी महिला होने के कारण क्षेत्र की जनता की सहनुभूति उनके साथ रही और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चुनाव प्रचार में नौगावां सादात आना और उपमुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों का लगातार यहां प्रचार में जुटे रहना संगीता चौहान की जीत की बड़ी वजह रहा.
धुर्वीकरण का कार्ड भी खेल दिया
लखनऊ से सीधे चुनाव प्रचार की रणनीति तय की जा रही थी और मैदान में संगीता चौहान खुद अकेले गांव-गांव जाकर अपने पति के नाम पर और सबका साथ, सबका विकास के नारे के साथ वोट मांगती रहीं. पूरे चुनाव प्रचार में उन्होंने अपने पति की सहनुभूति बटोरने का काम किया और कोई विवादित बयान नहीं दिया. मतदान वाले दिन 3 नवम्बर को वोटिंग के दौरान संगीता ने बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग का आरोप वाला बयान देकर चुनाव में तड़का लगा दिया और धुर्वीकरण का कार्ड भी खेल दिया. नतीजा ये हुआ की संगीता चौहान ने इस सीट पर जीत दर्ज कर रिकॉर्ड बना दिया और विधायक बन गई.
प्रचार के लिए नहीं आए अखिलेश यादव
बात समाजवादी प्रत्याशी के प्रत्याशी जावेद अब्बास आब्दी की हार की करें तो पिछले चुनाव में भी वो चेतन चौहान के मुकाबले हार गए थे और इस बार फिर चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान के सामने भी वो टिक नहीं पाए और हार गए. जावेद अब्बास आब्दी अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं लेकिन अखिलेश यादव उनके चुनाव प्रचार को नहीं आए. सपा को उम्मीद थी की गन्ना किसान बीजेपी से नाराज हैं और इसका उन्हें फायदा मिलेगा लेकिन चेतन चौहान की सहनुभूति और भाजपा की चुनावी रणनीति ने सपा का खेल बिगाड़ दिया.
सपा के वोटबैंक में लग गई सेंध
बसपा प्रत्याशी फुरकान अहमद ने भी सपा प्रत्याशी जावेद अब्बास आब्दी के वोटबैंक में सेंध लगा दी. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी डॉ कमलेश बीजेपी के वोटबैंक में सेंध नहीं लगा पाईं जिससे बीजेपी को बड़ा फायदा हुआ. यहां कांग्रेस प्रत्याशी डॉ कमलेश सिंह को पांच हजार वोट भी नसीब नहीं हुए. बसपा प्रत्याशी 38 हजार 3 सौ 99 वोट हांसिल कर तीसरे स्थान पर रहे. वहीं, सपा प्रत्याशी जावेद अब्बास आब्दी 71 हजार 6 सौ 15 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. बीजेपी की संगीता चौहान 86 हजार 6 सौ 92 वोट पाकर जीत गईं. उन्होंने सपा प्रत्याशी पर 15 हजार 77 वोट से विजय हांसिल की है.
वोट का समीकरण
नौगावां सादात विधानसभा सीट पर कुल 3 लाख 21 हजार 620 मतदाता हैं. जिसमें 1 लाख 69 हजार 317 पुरुष और 1 लाख 52 हजार 284 महिला और 19 अन्य मतदाता हैं. नौगावां सादात विधानसभा सीट पर अगर जातिगत आंकड़ों की बात करें तो इस सीट पर लगभग 01 लाख 50 हजार मुस्लिम वोटर, 50 हजार जाटव वोटर, 30 हजार सैनी वोटर, 40 हजार चौहान वोटर, 35 हजार जाट वोटर, 22 हजार यादव वोटर, 15 हजार गुर्जर वोटर, 14 हजार 620 अन्य जाति के वोटर माने जाते हैं.
ऐसे रहा है सीट का इतिहास
2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 97 हजार 30 वोट हांसिल कर बीजेपी उम्मीदवार चेतन चौहान ने जीत दर्ज की थी जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जावेद अब्बास आब्दी 76 हजार 382 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे. 40 हजार 172 वोट पाकर बसपा के उम्मीदवार जयदेव तीसरे स्थान पर रहे थे. 14 हजार 597 वोट राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी अशफाक अली खां को मिले थे. 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर समाजवादी पार्टी के अशफाक अली खान ने 55 हजार 626 वोट पाकर जीत दर्ज की थी जबकि, बसपा के राहुल कुमार 51 हजार 964 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे और राष्ट्रीय लोक दल की अंशु नागपाल 36 हजार 695 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रही थीं.
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