UP Politics: उत्तर प्रदेश की दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव की भले ही अभी तक तारीखों का एलान नहीं हुआ हो लेकिन, इसके लिए अभी से तैयारी शुरू हो गई हैं. एनडीए गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर भी मंथन किया जा रहा है. इस बीच खबरों की माने को बीजेपी अपने सहयोगी दलों को केवल दो सीटें ही देने का मन बना चुकी हैं. इनमें एक सीट जयंत चौधरी की रालोद और दूसरी सीट निषाद पार्टी को दी जा सकती है. बाकी आठ सीटों बीजेपी ही चुनाव लड़ेगी. 


यूपी की करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, और कटेहरी पांच सीटों पर सपा का कब्जा था जबकि गाजियाबाद, फूलपुर और खैर तीन सीटें बीजेपी के पास, मीरापुर सीट से रालोद और मझवां सीट पर निषाद पार्टी का कब्जा था. बीजेपी इस गणित के हिसाब से सीटों का बंटवारा करना चाहती है. हालांकि अभी तक इस पर फाइनल मुहर नहीं लग सकी है. केंद्रीय नेतृत्व की सहमति के बाद आगे फैसला हो सकेगा. 


सहयोगियों को दो सीटें देने के मूड में बीजेपी
2022 के विधानसभा चुनाव जयंत चौधरी का अखिलेश यादव के साथ गठबंधन था. इस चुनाव में रालोद ने मीरापुर और खैर दोनों सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन मीरापुर सीट पर आरएलडी की जीत हुई जबकि खैर सीट बीजेपी के खाते में चली गई. जयंत इस बार भी मीरापुर और खैर दोनों सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. लेकिन बीजेपी रालोद को एक ही सीट देने के मूड में हैं. ऐसे में रालोद खैर सीट की मांग कर सकती हैं. 


हालांकि बीजेपी खैर सीट देने के मूड में नहीं है. क्योंकि 2022 में सपा से आरएलडी का गठबंधन के बावजूद भाजपा यहां क़रीब एक लाख वोटों से जीती थी. इस तरह निषाद पार्टी की बात करें तो उसे मझवां सीट दी जा सकती है. क्योंकि इस सीट विधायक विनोद कुमार बिंद भदोही से बीजेपी के सांसद बन गए हैं. ऐसे में ये सीट निषाद पार्टी के कोटे में चली गई. 


संजय निषाद भी इस उपचुनाव में दो सीटों की उम्मीद लगा रहे थे. पिछली बार उन्होंने मझवां और कटेहरी दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था. लेकिन, कटेहरी में हार का सामना करना पड़ा. इस बार बीजेपी कटेहरी सीट पर कोई चांस लेने के मूड में नहीं है. इसलिए वो ये सीट अपने पास ही रख सकती है. 


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