UP By Polls 2024: कानपुर की सीसामऊ विधान सभा सीट उपचुनाव के दायरे में आ गई है और जल्द ही तारीखों के ऐलान के बाद यहां भी उपचुनाव होगा. इस सीट पर 1996 में हाजी मुश्ताक सोलंकी ने सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था और चुनाव जीते थे. लगातार दो बार मुश्ताक सोलंकी ने सपा को जीत दिलाई और 2007 से उनके बेटे इरफान सोलंकी ने यहां की कमान को संभाला और जीतते चले गए. अब 25 साल तक बीजेपी यहां अपना कब्जा बनाने में नाकाम साबित रही है.


सीसामऊ सीट पर होने वाले उपचुनाव में क्या अब अपना 25 साल पुराना सपना पूरा कर पाएगी. क्योंकि इस सीट पर सपा के इरफान सोलंकी ने तीन बार लगातार जीत हासिल की, लेकिन कानूनी दांव पेंच और मुकदमे ने उनकी विधायकी निरस्त कर दी और वो जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए. अब बीजेपी इस अवसर को छोड़ना नहीं चाहती है और जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है, जिसके चलते बड़े बड़े दिग्गज मैदान में उतर रहे हैं और खुद यूपी के सीएम यहां इस विधानसभा में जनसभा करने आ रहे हैं.


सीसामऊ सीट पर बीजेपी का सुखा होगा खत्म?


परिसीमन से पहले ये सीट आर्य नगर विधानसभा के नाम से जानी जाती थी, जिसका नाम परिसीमन साल 2007 में हुआ और लागू वर्ष 2012 में हुआ. जिसके बाद ये सीसामऊ विधानसभा एक नाम से प्रचलित हुई. इस सीट पर बीजेपी के दलित प्रत्याशी राकेश सोनकर ने चुनाव 1991 से 2002 तक जीत हासिल की, जिसका दलित और ब्राह्मण मतदाताओं ने भरपूर साथ दिया. इसके बाद इस सीट पर कांग्रेस के दलित नेता संजीव दरियाबादी चुनाव लड़े और दो बार विधायक रहे. इसके बाद न तो कांग्रेस और न ही बीजेपी इस सीट पर अपना कब्जा बना पाई, जिसके चलते आज सपा कांग्रेस का गठबंधन है और बीजेपी के लिए ये सीट जीतना अवसर के साथ चुनौती भी है.


सीएम योगी भरेंगे हुंकार 


कानपुर की सीसामऊ सीट पर वैसे तो मुस्लिम मतदाता लगभग 40 प्रतिशत हैं, जो बीजेपी के ज्यादातर हक में वोट नहीं करता है और खासा नाराज भी रहता है, जिसके चलते बीजेपी मुस्लिम मतदाताओं को जोड़ने का भी प्रयास कर रही है, लेकिन इस सीट पर ब्राह्मण और दलित का भी एक कॉम्बिनेशन है जो प्रत्याशी को जीत दिला सकता है. आरक्षण का मुद्दा भी यहां दलित मतदाताओं को बीजेपी से दूर कर चुका है. वहीं सपा विधायक इरफान सोलंकी जेल में हैं और उनकी पत्नी नसीम को लेकर पार्टी नेतृत्व ने हरी झंडी दिखा दी है कि सपा की ओर से इस सीट पर प्रत्याशी नसीम सोलंकी रहेंगी, जिसके चलते अब बीजेपी भी कोई चूक नहीं करना चाहती है और खुद सीएम योगी यहां कल जनसभा करने आ रहे हैं. तामाम सौगात देकर मतदाताओं के मन को परखने का मौका है और आजमाइश की जा रही है.


दलितों को रिझाने में जुटी बीजेपी 


इस सीट पर 70 हजार ब्राह्मण मतदाता है. 65 हजार दलित वोटर. वहीं 1लाख 20 हजार मुस्लिम मतदाता हैं. इसलिए बीजेपी दलित मतदाताओं को रिझाने पर जुटी है. क्योंकि उसे मालूम हुआ कि मुस्लिम मतदाता उसके ओर कम झुकेंगा और अगर ब्राह्मण और दलित मिलकर उसे वोट करेंगे तो सीट निकलना लगभग तय है.


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