UP By-Election 2024: यूपी उपचुनाव इन सीटों पर दांव लगाएगी कांग्रेस! जानें क्या है रणनीति
यूपी में कांग्रेस पार्टी को मिली सफलता के बाद अब पार्टी पूरे प्रदेश में संगठन को मजबूत करने में जुटी हुई है. वहीं इसके साथ ही पार्टी की नजर यूपी में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर भी है.
UP By Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में बेहतर सफलता प्राप्त करने के बाद कांग्रेस पार्टी अब उत्तर प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करने की तैयारी में जुटी हुई है क्योंकि 2019 के लोकसभा में पार्टी को केवल 1 सीट ही पूरे प्रदेश में हासिल हुई थी, वहीं वोटिंग प्रतिशत भी कम हुआ था. लेकिन 2024 के चुनाव में कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत हासिल की और वोटिंग प्रतिशत में इजाफा हुआ.
लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में कई विधानसभा सीटें भी खाली हो गई है. जिनमें उपचुनाव होना है. पार्टी लोकसभा चुनाव के बाद से ही इसकी तैयारी में जुट गई थी. पार्टी के नेता जहां-जहां इंडिया गठबंधन सीट की जीत हुई थी वहां धन्यवाद कार्यक्रम का भी आयोजन कर रहे थे. यहीं नहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी लगातार प्रदेश में दौरा कर यूपी में संगठन को मजबूत कर रहे है.
सपा के साथ कांग्रेस मिलकर लड़ेगी उपचुनाव
कांग्रेस पार्टी प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर अपनी नजर बनाए हुए है. सूत्रों की मानें तो 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है. इसके लिए पार्टी ने तैयारी में शुरु कर दी है. कांग्रेस पार्टी उन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जिन पर भाजपा ने जीत हासिल की थी. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेताओं का कहना है 10 सीटों में कम से कम चार सीटों पर पार्टी की दावेदारी होगी.
लोकसभा चुनाव में विधायकों के जीत करने के बाद विधानसभा की कुल 10 सीटें खाली हो गई थी. इनमें भाजपा के विधायकों ने जहां जीत हासिल की थी उनके नाम फूलपुर, खैर, गाजियाबाद, व मझवां विधानसभा सीटें है. वहीं रालोद ने मीरापुर सीट से अपने विधायक चंदन चौहान को बिजनौर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. साथ ही सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद सदस्यता जाने के बाद कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा. इस तरह कुल 10 सीटों में से 5 सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है. जिनके नाम मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी व कुंदरकी है.
ये भी पढ़ें: Vande Bharat Express: एक साल पहले शुरू हुई थी अयोध्या और प्रयागराज के बीच वंदे भारत ट्रेन, विकास को मिली है गति