UP Bypoll Election 2024: उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव का घमासान तेज हो गया है. एक तरफ बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत लगाई हुई है तो वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी मोर्चा संभाल लिया है. बीजेपी की सियासी जमीन को मजबूत करने के लिए संघ टोली प्लान की रणनीति के तहत आगे बढ़ रहा है, जिसके तहत कार्यकर्ता टोली बनाकर घर-घर लोगों से संपर्क करेंगे. 


आरएसएस के टोली प्लान के तहत जिन नौं सीटों पर चुनाव होना है. वहां के तमाम इलाकों में संघ के कार्यकर्ता छोटी-छोटी टोलियां बनाकर अलग-अलग इलाकों में जाएंगे और लोगों के साथ बैठकें कर उन्हें राष्ट्रहित और हिन्दुत्व का पाठ पढ़ाएंगे. एक टोली में 5-10 लोगों के ग्रुप होंगे जो लोगों से मुलाकात करेंगे. ये कार्यकर्ता सीधे तौर पर बीजेपी का समर्थन करते नहीं दिखाई देते बल्कि लोगों से सुशासन, राष्ट्रहित, हिन्दुत्व, विकास और लोक कल्याण के मुद्दों पर बात करेंगे और उनकी राय को बीजेपी के साथ जोड़ने की कोशिश करेंगे. 


यूपी उपचुनाव में संघ का 'टोली प्लान'
संघ की ये टोलियां के कार्यक्रमों से दूरी बनाते हुए घर-घर जाएगी. जिसमें सभी जातियों और समुदायों के लोगों से बात की जाएगी. यहीं नहीं उन्हें सीएम योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' के नारे का मतलब भी बताया जाएगा. लखनऊ में इस टोली प्लान का पूरा खाका तैयार हो चुका है. जिसके बाद संघ ने दूसरे राज्यों के साथ यूपी उपचुनाव में भी इस रणनीति पर काम करने रणनीति बनाई है. इससे पहले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी संघ की इन टोलियों ने सवा लाख बैठकें की थीं, जिसके बाद राज्य में बीजेपी को बड़ी कामयाबी मिली.  


बता दें लोकसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संघ को लेकर बयान देते हुए कहा था कि बीजेपी अब बड़ी पार्टी बन गई है. भाजपा को संघ की जरुरत नहीं हैं, जिसे लेकर संघ नाराज हो गया था और कार्यकर्ता चुनाव के दौरान घर बैठ गए थे. इसका असर ये हुआ कि संघ के हिन्दुत्व का एजेंडा बिखर गया और हिन्दू वोट कई जातियों में बंट गए. यूपी में संघ कार्यकर्ताओं की उदासीनता बीजेपी की हार की सबसे बड़ी वजह बनी. 


जिसके बाद बीजेपी को अपनी गलती का एहसास हुआ और पार्टी ने एक बार फिर से संघ की शरण पहुंच गई है. सूत्रों का मानें तो यूपी में भले ही नौ सीटों पर उपचुनाव हो रहा है लेकिन संघ सभी दस सीटों पर तैयारी कर रहा है.