UP By Election Result 2024: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव में एनडीए ने नौ में से सात सीटों पर जीत दर्ज की. जीत से उत्साहित भाजपा उत्साह भरने कार्यकर्ताओं के बीच जा रही है.बता दें कि लोकसभा चुनाव में जो परिणाम भाजपा के आए थे वह कुछ महीने बाद ही हुए उपचुनाव में पलट गए. भाजपा की 7 सीटों पर जीत में अहम भूमिका दलित वोटरों की रही है जो कहीं न कही लोकसभा में भाजपा की तरफ नहीं था. कांग्रेस का इस उपचुनाव में न लड़ना भी कहीं न कहीं समाजवादी पार्टी के हार का कारण बना. क्योंकि लोकसभा में कांग्रेस के चलते दलितों ने इंडिया गठबंधन के नेताओं को वोट दिया था.
अनूसूचित जाति की बहुलता सीटों में जाति फैक्टर साफ तौर पर देखने को मिला. जो दलित समुदाय लोकसभा चुनाव में विपक्ष की तरफ दिखा तो वह उपचुनाव में भाजपा की तरफ रहा, बसपा की एक भी सीट तो नहीं आई लेकिन दलितों ने अपनी बहुलता वाली तीन सीटों में इतना वोट दे दिया कि उससे समाजवादी पार्टी का खेल बिगड़ गया.इतना हीं नहीं कुछ वोट तो आजाद समाज पार्टी की तरफ भी चल गया.
बसपा ने बिगाड़ा सपा का खेल
उपचुनाव परिणाम के बाद प्रदेश में पिछड़ों के अलावा दलित मतदाता भी मुख्य रूप से है. अगर बात करें अंबेडकरनगर की कटेहरी विधानसभा सीट की तो यहां लगभग कुल चार लाख मतदाता है,जिसमें सबसे ज्यादा मतदाता दलित है,दूसरे स्थान पर ब्राहाण का है तो तीसरे स्थान पर मुस्लिम और यादव वोटर है. उपचुनाव की बात करें तो मुस्लिम-यादव का सपा को वोट मिल तो गया लेकिन दलित का वोट नहीं मिलने से यह सीट भी विपक्ष के हाथ नहीं लगी.जिससे इस सीट पर सपा को केवल 56 हजार ही वोट मिले.यहां दलितों ने भाजपा को जिताया तो बसपा को 41,647 वोट दे दिए.
मीरापुर और फूलपुर की भी यही हाल
मीरापुर में कुल मतदाताओं की बात करें तो यहां 1.30 लाख मुस्लिम मतदाता है. उपचुनाव में यहां आजाद समाज पार्टी को 22,661 वोट मिल गए,अगर इस सीट पर दलित वर्ग का साथ मिल जाता तो सपा यह सीट निकाल लेती. ऐसा ही फूलपुर विधानसभा सीट पर देखने को मिला. जहां सबसे अधिक दलित मतदाता 75 हजार है तो दूसरे स्थान पर 70 हजार कुर्मी है. यहां मुस्लिम-यादव गठजोड़ की बात करें तो आँकड़ा 1 लाख 10 हजार है. यहां भी दलितों ने भाजपा का साथ दे दिया औ सपा हार गई.
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