UP By Election 2024: यूपी की 10 सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने हैं, जिसको लेकर राजनीतिक दल उपचुनाव की तैयारी में जुट चुके हैं. उत्तर प्रदेश में इस समय बीजेपी की आंतरिक कलह चर्चा का विषय बनी हुई है. माना जा रहा है कि यूपी में सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच सब कुछ सही नहीं चल रहा है. हालांकि अभी तक किसी भी तरफ से कोई ऑफिशियल बयान सामने नहीं आया है. इस बीच उपचुनाव में जीत को लेकर सीएम योगी ने 30 मंत्रियों की एक टीम बनाकर पहले ही काम पर लगा दिया है.
बीजेपी में चल रही आपसी लड़ाई अपनी जगह है. यूपी बीजेपी के दोनों ही दिग्गज नेता सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपनी तैयारी शुरू कर चुके हैं. आपली कलह के बीच दोनों ही पार्टी की जीत को लेकर बैठक कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम कर रहे हैं.
BJP के साथ SP की भी बढ़ गई टेंशन
यूपी में होने वाले उपचुनाव में बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ चुनावी रण में उतरने की तैयारी कर रही है. तो वहीं कांग्रेस और सपा एक साथ चुनाव लड़ने वाले हैं, लेकिन नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर रखी है.
यूपी उपचुनाव में चंद्रशेखर आजाद की एंट्री
उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है लेकिन चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले ही सियासी दलों ने अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया है. आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिजनौर की नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने यूपी की सभी दस विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उपचुनाव को लेकर विधानसभा की सभी दस सीटों पर उनकी पार्टी प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि देश हित को देखते हुए लोकसभा की सभी सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा था लेकिन 2022 से 2024 तक आजाद समाज पार्टी ने जिस तरह की यूपी में तैयारी की है. इसलिए पार्टी संगठन ने तय किया है कि उपचुनाव सभी दस सीटों पर मजबूती से लड़ा जाएगा.
BSP ने UP उपचुनाव को लेकर कर दिया ये ऐलान
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी ये ऐलान किया है यूपी की सभी 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है. मायावती के इस ऐलान से बीजेपी और सपा दोनों ही राजनीतिक पार्टियों को झटका लग सकता है. इसको लेकर मायावती ने तैयारी शुरू कर दी है. उपचुनाव से पहले मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को फिर से बहुजन समाज पार्टी का नेशनल। कोऑर्डिनेटर और अपना उत्तराधिकारी बना दिया है.
दलित वोटरों को लुभाने की कोशिश जारी
यूपी में होने वाले उपचुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दल दलित समुदाय को लुभाने की पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में अलग-अलग राजनीतिक दलों के बड़े नेता दलितों को साधने की कोशिश कर रहे हैं और अपनी पार्टी में मिलाने की भी कोशिश कर रहे हैं. साथ ही इस समय यूपी दलित नेताओं की पूछ भी बढ़ गई है. क्या वाकई में दलित वोट राजनीतिक दलों के लिए सत्ता तक पहुंचने का एक रास्ता है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश जहां पर आंकड़ों के मुताबिक 21 फीसदी से ज्यादा दलित मतदाता हैं. ऐसे में यह माना जा सकता है कि 5 में से 1 मतदाता, दलित समाज से आता है. इसी वजह से दलित मतदाता खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी भी राजनीतिक दल की जीत और हार सुनिश्चित करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है.
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