चंद्रशेखर आजाद ने बढ़ाई 'इंडिया' गठबंधन की मुश्किलें, इस ऐलान से लगेगा बड़ा झटका!
Chandrashekhar Azad News: चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि सरकार के हवाई दावों का फैसला अब जनता की अदालत में होगा. दलित, मुस्लिम, पिछड़े और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर वो चुनाव लड़ेंगे.
Chandrashekhar Azad News: उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं जिसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत लगानाा शुरू कर दिया है. इसी क्रम में आजाद समाज पार्टी ने भी उपचुनावों को लेकर बड़ा ऐलान किया है. पार्टी के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने दावा किया कि है उनकी पार्टी सभी 10 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी. जल्द ही प्रत्याशियों के नामों का एलान किया जाएगा.
नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद यूपी उपचुनाव को लेकर एबीपी न्यूज से फोन पर बात की. इस बातचीत में उन्होंने बताया कि हम अपने दम पर 10 सीटों पर उप चुनाव लड़ेंगे. आजाद समाज पार्टी इसी महीने अपने प्रत्याशियों के नामों को भी ऐलान कर देगी. चंद्रशेखर आजाद के इस ऐलान से बीजेपी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
चंद्रशेखर आजाद के ऐलान ने बढ़ाई मुश्किलें
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि सरकार के हवाई दावों का फैसला अब जनता की अदालत में होगा. दलित, मुस्लिम, पिछड़े और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर आसपा चुनाव लड़ेगी. महिलाओं में असुरक्षा की भावना, बेरोजगारी, किसान और मजदूरों की हालात खराब और इन मुद्दों पर सरकार की हमारा चुप्पी ही हमारा मुद्दा है. उन्होंने कहा कि हम निजीकरण के खिलाफ भी आवाज बुलंद करेगे. जनता के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ा जाएगा. कुछ सरकारी अधिकारी दबंगों से मिलकर दलितों के पट्टों की जमीन षड्यंत्र के तहत छीनी जा रही है. इसकी जंग भी लड़ी जाएगी.
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक चंद्रशेखर आजाद के इस एलान से बीजेपी, सपा और बसपा को नुक़सान हो सकता है. पिछले कुछ सालों से दलितों का एक बड़ा हिस्सा बीजेपी के पक्ष में वोट देता आया है. वहीं इस बार लोकसभा चुनाव में सपा को भी दलितों को वोट हासिल हुआ है. वहीं बसपा से भी दलित वोट बैंक छिटका है जो चंद्रशेखर आजाद के साथ जा सकता है. आसपा के मैदान में उतरने से इंडिया गठबंधन का समीकरण खराब हो सकता है.
बता दें कि यूपी की कुंदरकी, करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, मीरापुर, खैर, मझवां, फूलपुर, कटेहरी और गाजियाबाद सीट पर उपचुनाव होने है. इनमें सपा के पास पाँच सीटें, बीजेपी की तीन और एक-एक सीट रालोद और एनडीए के पास है. लोकसभा चुनाव में जिस तरह से बीजेपी को सपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा है उसके बाद ये चुनाव सीएम योगी के लिए अग्निपरीक्षा है.
कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे का फिर दिखा अनोखा अंदाज, बुलडोजर पर चढ़कर निकाली तिरंगा यात्रा