कौन है चारू कैन? खैर सीट पर सपा ने चला तुरुप का इक्का, बसपा से रहा है कनेक्शन
Khair Bypoll 2024: चारु कैन का बसपा के वोटर्स पर अच्छा दबदबा है. चारु कैन एससी समुदाय से आती है लेकिन, उनके पति जाट हैं, जिसके चलते उनके पक्ष में जाट समुदाय और एससी समुदाय का मत मिलने के आसार हैं.
Khair Byelection 2024: समाजवादी पार्टी ने अलीगढ़ के खैर विधानसभा सीट पर होने वाले उपुचनाव में चारू केन पर दांव लगाया है. चारू कैन भी सियासी परिवार से ही ताल्लुक रखती है. 2022 विधानसभा चुनाव में उन्होंने खैर सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. वो बीजेपी के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू की पुत्रवधू हैं उनके पति कार्तिक भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुके हैं. उनके परिवार को दूसरे सदस्य भी चुनाव लड़ चुके हैं.
चारू कैन रोहतक से एमबीबीएस की पढ़ाई भी कर रही है. उन्होंने 2022 विधानसभा चुनाव से राजनीति में एंट्री की थी. बसपा ने उन्हें उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. कुछ दिन पहले ही वो बसपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुईं थी और अब सपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. अखिलेश यादव ने ऐसी महिला प्रत्याशी पर दांव चला है जो जाट लैंड के साथ दलित वोटबैंक को भी साध सके.
खैर सीट पर दिलचस्प हुई लड़ाई
चारु कैन का बहुजन समाज पार्टी के वोटर्स पर अच्छा दबदबा है. चारु कैन एससी समुदाय से आती है लेकिन, उनके पति जाट हैं, जिसके चलते उनके पक्ष में जाट समुदाय और एससी समुदाय का मत मिलने के आसार राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का केंद्र बने हुए हैं. चारू को सपा का तुरप का इक्का माना जा रहा है. 2022 में चारू खैर सीट पर दूसरे नंबर पर रहीं थी.
चारू कैन के ससुर तेजवीर सिंह गुड्डू मूलरूप से अलीगढ के क्वार्सी क्षेत्र के सुखरावली के रहने वाले है. साल 2000 में उन्होंने रालोद से जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. जिसके बाद उनका सियासी कद और बढ़ गया. उन्होंने जाट वोटों को अपनी तरफ खींचने में कामयाबी हासिल की. लेकिन अब उनके बेटे कार्तिक और बहू चारू कैन सियासत में हाथ आजमा रहे हैं. चारू कैन के खैर से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद इस सीट पर बीजेपी और सपा के बीच लड़ाई दिलचस्प हो गई है.
खैर विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को वोटिंग होनी है. शालिनी ने शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया. इस सीट पर बीजेपी ने सुरेंद्र सिंह दिलेर को टिकट दिया है. खैर सीट बीजेपी का गढ़ रही है. इस सीट पर रालोद का भी अच्छा प्रभाव हैं. सुरेंद्र सिंह दिलेर भी सियासी परिवार से ताल्लुक रखते है. उनके पिता हाथरस से सांसद रह चुके हैं जबकि दादा भी कई बार विधायक और सांसद रहे हैं.