UP Bypoll Election 2024: लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने यूपी में जितना अच्छा प्रदर्शन किया था, उसके बाद माना जा रहा था कि कांग्रेस और सपा की जोड़ी लंबी चलेगी. लेकिन, ऐसा नहीं हो पाया. पांच महीने बाद हो रहे उपचुनाव से कांग्रेस ने दूरी बना ली है. कांग्रेस एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर वो क्या वजह रही कि देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी सबसे बड़े सूबे के चुनाव में एक भी सीट पर चुनाव नही लड़ रही.


खबरों की माने तो कांग्रेस के इस फैसले के पीछे एक नहीं कई वजहें हैं. कांग्रेस ने कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस ने चुनाव नहीं लड़ने का मन बना लिया था कि समाजवादी पार्टी के ऑफर के मुताबिक केवल दो सीटों पर वो उपचुनाव नहीं लड़ेगी. कांग्रेस ने ये फैसला इसलिए किया था क्योंकि, उसे मिल रही सीटों पर विपक्ष का जनाधार कमजोर था.


बेटे को चुनाव लड़ाना चाहते थे अजय राय
कांग्रेस ने शुरू से चार सीटों और बाद में कमी से कम तीन सीटों की मांग रखी थी, जिसमें एक सीट फूलपुर या मझवां की थी. बताया जा रहा है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय मझवां सीट से अपने बेटे को चुनाव लड़ाना चाहते थे, लेकिन अखिलेश यादव ने बिना कांग्रेस को भरोसे में लिए ही मझवां और फूलपुर दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए. इससे पहले खबर थी कि कांग्रेस पांच सीटों पर उपचुनाव लड़ना चाहती थी.


दूसरी तरफ सपा ने कांग्रेस के लिए सिर्फ गाजियाबाद और खैर सीट देने की घोषणा की थी लेकिन कांग्रेस अपनी पंसद की सीट नहीं मिलने से नाराज हो गई और उसने अपनी नाराजगी का कड़ा संदेश देने के लिए उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर लिया. इस पर आख़िरी मुहर बुधवार रात को लग गई जब अखिलेश यादव और राहुल गांधी के बीच बात हुई और कांग्रेस ने कहा दो सीटों पर चुनाव लड़ने से अच्छा है कि वो चुनाव ही न लड़े. 


दोनों नेताओं के बीच हुई इस बातचीत को भी राजनीतिक शिष्टाचार के तौर पर देखा जा रहा है ताकि उनके बीच संबंध ख़राब न हो. कांग्रेस में कल अंदरखाने नए सिरे से कोई मंथन नहीं हुआ. सब कुछ पहले से ही तय था. जिसके बाद तय किया गया कि उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के निशान पर कोई कांग्रेसी चेहरा नहीं होगा. हालांकि दोनों दल आगे गठबंधन की जरूरत को देखते हुए 'ऑल इज वेल' दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.


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