UP ByPoll Election 2024 Results: यूपी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को बीजेपी के हाथों जिस तरह हार का सामना करना पड़ा है. उसके बाद कांग्रेस पार्टी को प्रदेश में संजीवनी मिलती दिखाई दे रही हैं. सपा की हार से कांग्रेस का वो दावा पुख्ता होता दिख रहा है कि उसकी वजह से ही दलित मतदाताओं ने सपा के समर्थन में वोटिंग की थी, जिसका असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिला था और इंडिया गठबंधन ने एनडीए को हरा दिया था.
यूपी उपचुनाव में दोपहर एक बजे हुई मतगणना में बीजेपी ने सात सीटों पर लीड बनाई हुई है जबकि सपा दो सीटों में आगे चल रही है. ये आंकड़े सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को परेशान करने वाले हैं. तो वहीं कांग्रेस के लिए इनसे एक उम्मीद की किरण निकलते हुए दिखाई दे रही है. सपा की हार से अब गठबंधन में कांग्रेस की दावेदार और मजबूत होगी.
सपा की हार से कांग्रेस को संजीवनी
सपा की हार के बीच यूपी कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे का वो बयान सुर्खियों में आ गया है जिसमें उन्होंने ये दावा किया था कांग्रेस की वजह से ही लोकसभा चुनाव में सपा को फायदा हुआ था. कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने जिस तरह से प्रदेश में संविधान और आरक्षण का मुद्दा उठाया उससे दलित मतदाताओं का रुझान इंडिया गठबंधन की ओर हुआ था और दलितों ने खुलकर इंडिया गठबंधन के पक्ष में वोट दिया. यही नहीं गठबंधन की वजह से मुस्लिम वोट भी बंटा नहीं और एकजुट होकर एक तरफा इंडिया गठबंधन के साथ गया.
सपा पर दबाव बना सकती है कांग्रेस
सियासी जानकारों का मानना है कि सपा की हार यूपी में कांग्रेस को अपनी पैर जमाने में मदद मिलेगी. वहीं सपा पर भी दबाव बनेगा. जिसका असर 2027 के विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है. कांग्रेस इन नतीजों के आधार पर आगामी चुनावों में अखिलेश यादव का दबाव बना सकती है. ऐसे में सपा को कांग्रेस को ज्यादा सीटें देनी पड़ सकती हैं. कांग्रेस ये कह सकती है कि यूपी उपचुनाव में सपा इसलिए हार गई क्योंकि कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे.
बता दें कि लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत मिलकर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में सपा को 37 और कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली थी. जबकि बीजेपी 33 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी. इसके बाद उम्मीद थी कि यूपी उपचुनाव में भी कांग्रेस और सपा मिलकर चुनाव लड़ सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मनचाही सीटें नहीं मिलने पर कांग्रेस ने चुनाव से दूरी बना ली, जिसके बाद सपा ने सभी नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.