'लाल कार्ड बांटकर वोटरों पर बनाया जा रहा दबाव', अखिलेश यादव ने लगाया आरोप, EC ले संज्ञान
Akhilesh Yadav News: सपा अध्यक्ष ने उपचुनाव के लिए वोटिंग से पहले प्रशासनिक अधिकारियों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और चुनाव आयोग से कार्रवाई की माँग की है.
Akhilesh Yadav News: यूपी की नौ सीटों पर उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अधिकारियो पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है. सपा अध्यक्ष ने एक लाल रंग की पर्ची की तस्वीर शेयर करते हुए आरोप लगाया कि अधिकारी ये लाल कार्ड बांटकर मतदातों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले को संज्ञान में लेने और तत्काल कार्रवाई की मांग की.
सपा अध्यक्ष ने एक्स पर लिखा- 'चुनाव आयोग तुरंत इस बात का संज्ञान ले कि उप्र में शासन-प्रशासन पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहा है और मतदान को बाधित करने के लिए ‘नोटिस-चेतावनी’ के लाल कार्ड बाँटकर मतदाताओं पर दबाव बना रहा है. ये एक तरह से संविधान द्वारा दिये गये वोटिंग के अधिकार को छीनने का ग़ैर-क़ानूनी कृत्य है. इसे एक अपराध की तरह दर्ज करके तुरंत कार्रवाई की जाए अन्यथा माननीय सर्वोच्च से ये अपील होगी कि वो स्वतः संज्ञान लेते हुए पक्षपाती शासन-प्रशासन को निष्पक्ष चुनाव कराने का निर्देश दे.
चुनाव आयोग तुरंत इस बात का संज्ञान ले कि उप्र में शासन-प्रशासन पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहा है और मतदान को बाधित करने के लिए ‘नोटिस-चेतावनी’ के लाल कार्ड बाँटकर मतदाताओं पर दबाव बना रहा है। ये एक तरह से संविधान द्वारा दिये गये वोटिंग के अधिकार को छीनने का ग़ैर-क़ानूनी कृत्य है।… pic.twitter.com/XR5RqsbCAy
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 19, 2024
सपा ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी
वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी की यूपी ईकाई ने उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी हैं जिसमें सपा ने मांग की है कि इन नौ सीटों पर उपचुनाव में तैनात रिटर्निंग ऑफिसर, रिटर्निंग ऑफिसर/जिला मजिस्ट्रेट, जनरल ऑब्जर्वर और पुलिस अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किया जाए कि 20 नवंबर 2024 (मतदान की तिथि) को "कोई भी पुलिसकर्मी किसी भी मतदाता की मतदाता पहचान-पत्र की जांच नहीं करेगा".
पत्र में आगे कहा गया है कि मतदाता पहचान-पत्र की जांच करने का अधिकार मतदान अधिकारी के पास है. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मतदान केंद्रों पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने अपनी शक्ति और पद का दुरुपयोग किया और सपा समर्थकों, खासकर मुस्लिम महिला मतदाताओं को डराकर उनके बुर्के उतरवा दिए. जिससे मतदान प्रभावित हुआ और वो बिना वोटिंग के ही लौट गईं.
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