UP ByPolls 2024: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव के लिए Samajwadi Party के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम Akhilesh Yadav को पूरी उम्मीद है कि उनकी पार्टी सभी पर जीत का परचम लहरा देगी. बीते कई मौकों पर अखिलेश यादव, सभी 10 सीटें जीतने का दावा कर चुके हैं. हालांकि उनके अपने ही अब उनकी मुश्किल बढ़ा रहे हैं. न सिर्फ सपा की बल्कि यूपी में उसकी सहयोगी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मुश्किलें भी बढ़ रहीं हैं.


बीते चार दिनों में सपा के दो प्रमुख नेताओं ने अलग-अलग बयान देकर अपनी पार्टी और मुखिया को असमंजस में डाल दिया है. ये दो प्रमुख नेता हैं गाजीपुर से लोकसभा सांसद अफजाल अंसारी और अमरोहा से विधायक महबूब अली. दोनों के खिलाफ क्रमशः गाजीपुर और बिजनौर में सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी भी दर्ज की गई है. हालांकि अभी तक सपा चीफ की ओर से दोनों नेताओं बयानों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.


अफजाल अंसारी ने क्या कहा?
26 सितंबर को गाजीपुर में अफजाल ने कहा कि लाखों लोग गांजा पीते हैं और इसे भगवान का प्रसाद मानते हैं. अगर गांजा भगवान का प्रसाद है, तो इसे अवैध क्यों माना जाता है. उन्होंने कहा था कि कई साधु-संत और महात्मा समाज के लोग गांजे का सेवन करते हैं. कुंभ मेला के दौरान यदि वहां एक मालगाड़ी गांजा भी भेज दिया जाए, तो भी वह खत्म हो जाएगा.


सांसद ने कहा था कि लखनऊ में भी बड़े-बड़े लोग गांजा पीते हैं, इसलिए भांग की तरह सरकार को इसका भी लाइसेंस देना चाहिए. गाजीपुर में गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए सांसद ने कहा था कि अगर शराब और भांग को कानूनी दर्जा प्राप्त है तो गांजे को भी वैध कर दिया जाए. हम कहते हैं कि गांजा को कानून का दर्जा देकर वैध कर दो. लाखों की संख्या में लोग खुलेआम गांजा पी रहे हैं. धार्मिक आयोजनों में लोग गांजा पीते हैं. लोग इसे भगवान का प्रसाद और बूटी बताकर सेवन करते हैं. बता दें अफजाल अंसारी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 353(3) के तहत मामला दर्ज किया गया है.


अफजाल के बयान पर किसने क्या कहा?
अफजाल के बयान पर साधु संतो ने अपनी नाराजगी जाहिर की और सपा चीफ से मांग की है कि उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए. अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने जो कुछ भी कहा है वह अमर्यादित है.


प्रयागराज में किन्नर अखाड़ा के महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने केंद्र और राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग की. उन्होंने मांग की है कि सपा चीफ अखिलेश यादव, अफजाल को पार्टी से बाहर निकालें.


महबूब अली ने क्या कहा?
29 सितंबर को यूपी के बिजनौर में समाजवादी पार्टी के संविधान मानव स्तंभ दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए सपा विधायक और पूर्व मंत्री महबूब अली ने विवादित बयान देकर सियासी हलचल पैदा कर दी है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से अब भाजपा की सरकार जाने वाली है क्योंकि प्रदेश में मुसलमानों की आबादी लगातार बढ़ रही है. इसलिए अब भाजपा के जाने का समय आ गया है. इंशाल्लाह 2027 में हमारे आने का समय आ गया है और यह तय है कि अब भाजपा सत्ता में लौट नहीं पाएगी. महबूब अली ने कहा कि जो काम 850 साल तक हुकूमत करने वाले मुगल भी नहीं कर पाए, वो काम ये क्या कर पाएंगे.


सपा विधायक महबूब अली ने कहा कि मुस्लिम आबादी बढ़ी, तुम्हारा राज खत्म होगा. मुगलों ने देश में 800 साल राज किया जब मुगल नहीं रहे तो तुम क्या रहोगे? 2027 में तुम जरूर जाओगे, हम जरूर आएंगे.


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महबूब अली पर किसने क्या कहा?
देवरिया सदर से बीजेपी विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने तो इस मामले पर गंभीर टिप्पणी की है. महबूब अली के बयान का जिक्र कर शलभ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- हिंदुओं को सपा विधायक महबूब अली की खुली भभकी. 


महबूब अली के बयान पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि यह विधायक हैं जो गुलामगिरी ज्यादा अच्छा करते हैं. अपनी पार्टी जब सत्ता में आती है तो 20 % वोट मुस्लिम देता है और 9% यादव. कभी यह अपने कौम को मुख्यमंत्री बनाने की मांग तो नहीं कर पाते. जिस दिन वह सपा मुखिया अखिलेश से यह मांग करेंगे, वह उन्हें पार्टी से निकाल देंगे. हिम्मत है तो हक और कौम के लिए लड़ना चाहिए. 


यूपी उपचुनाव में होगा इसका असर?
जानकारों का मानना है कि सपा नेताओं के इन बयानों से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा ध्रुवीकरण की कोशिशों को बल मिलेगा. न सिर्फ अफजाल बल्कि महबूब का बयान के आधार पर बीजेपी नेता जनता तक यह संदेश पहुंचाने की कोशिश करेंगे कि सपा किस आधार पर चुनाव जीतने की जुगत में है और उसके वादे फिजूल हैं. 


बीजेपी नेता इन बयानों के आधार पर यह भी बताने की कोशिश करेगी कि सपा नेता मुस्लिम मतों के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं.