UP Bypolls 2024: उत्तर प्रदेश की दो सीटों पर उपचुनाव होने की संभावना है, हालांकि अभी एक सीट के रिक्त घोषित होने का नोटिस भी नहीं आया है. लेकिन इससे पहले ही दोनों सीटों पर उपचुनाव में कौन उम्मीदवार होगा इसके कयास लगाए जाने लगे हैं. अभी लखनऊ पूर्व (Lucknow East) विधानसभा सीट रिक्त है, जहां उपचुनाव होना तय है. इसके अलावा दुद्धी विधानसभा (Duddhi Vidhan Sabha) सीट किसी भी वक्त रिक्त घोषित की जा सकती है.
दरअसल, लखनऊ पूर्व से बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेता आशुतोष टंडन ने जीत दर्ज की थी. लेकिन उनका बीते 9 नवंबर को निधन हो गया, इसके बाद लखनऊ सीट खाली हो गई है. इस संबंध में विधानसभा सचिवालय से नोटिस भी जारी हो चुका है. लेकिन सूत्रों की माने तो इस सीट पर बीजेपी फिर से पुराना दांव चल सकती है. अभी तक इस सीट पर बीजेपी के टिकट पर ब्राह्मण चेहरे पर ही मैदान में रहे हैं और फिर ऐसा ही होने की संभावना है.
बीजेपी का ब्राह्मण चेहरों पर दांव
इस सीट पर पहले 1991 में भगवती प्रसाद शुक्ला ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने फिर 1993 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की. लेकिन 1996 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विद्या सागर गुप्ता को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मैदान में उतारा और उन्होंने फिर से बीजेपी की इस सीट को बचा लिया. लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट से विद्या सागर गुप्ता तीन बार (1996, 2002 और 2007) में चुनाव जीते. लेकिन 2012 में बीजेपी ने इस सेफ सीट पर कैंडिडेट बदल दिया.
मुलाकात से लगने लगे कयास
2012 के विधानसभा चुनाव में कलराज मिश्रा को उम्मीदवार बनाया गया और उन्होंने जीत दर्जी की. लेकिन 2017 में इस सीट पर आशुतोष टंडन को बीजेपी ने टिकट दिया और उन्होंने जीत दर्ज की. लेकिन अब उनके निधन के बाद फिर से टंडन परिवार के ही किसी सदस्य को बीजेपी टिकट दे सकती है. बीते दिनों पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन के बेटे सुबोध टंडन, अमित टंडन और पौत्र वंश टंडन, आयुष टंडन ने सीएम योगी से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनके चुनाव लड़ने के कयास लगाए जाने लगे.
इस मुलाकात की तस्वीर सीएम योगी आदित्यनाथ के दफ्तर ने सोशल मीडिया के जरिए शेयर की थी. उन्होंने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराज से आज लखनऊ में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश और बिहार के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय लालजी टंडन जी के पुत्र श्री सुबोध टंडन जी, अमित टंडन जी व पौत्र श्री वंश टंडन जी, श्री आयुष टंडन जी ने शिष्टाचार भेंट की.'