UP Politics: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी ने बुधवार को उपचुनाव के लिए छह सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया. सपा की पहली लिस्ट ऐसे वक्त में आई है जब एक दिन पहले ही कांग्रेस को हरियाणा में हार का सामना करना पड़ा है. वहीं सपा के फैसले से अब कांग्रेस के पास एक ही विकल्प बचा है.


दरअसल, सपा की पहली लिस्ट जारी होने के बाद यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कांग्रेस के यूपी प्रभारी ने पहले ही गठबंधन की स्थिति को लेकर अपना बयान जारी कर दिया है. इस मुद्दे पर राष्ट्रीय नेतृत्व अंतिम फैसला लेगा, जो हम मानेंगे. अजय राय ने सपा प्रत्याशियों की लिस्ट पर कहा, "मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है, फिर भी हमारा शीर्ष नेतृत्व इस मामले को देखेगा."


लेकिन सूत्रों की माने तो सपा इस उपचुनाव कांग्रेस को दो सीटों से ज्यादा ने देने के लिए तैयार नहीं है. इस वजह से अगर कांग्रेस को गठबंधन करना होगा तो इन्हीं दो सीटों पर समझौता करना होगा. सपा ने बुधवार को छह प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की. इस दौरान फूलपुर सीट पर भी प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया जिसपर कांग्रेस दावा कर रही थी. 


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क्या था कांग्रेस का दावा
गौरतलब है कि सपा ने करहल विधानसभा सीट से तेज प्रताप यादव, सीसामऊ विधानसभा सीट से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद, कटेहरी से शोभावती वर्मा और मंझवा विधानसभा सीट से डॉ. ज्योति बिंद को प्रत्याशी बनाया है. इसमें फूलपुर और मझवां दोनों वो सीटें है, जहां पर बीजेपी ने 2022 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी.


कांग्रेस फूलपुर और मझवां दोनों सीटों पर दावेदारी पेश कर रही थी, लेकिन सपा ने पहले ही प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया. बता दें कि 10 सीटों में से पांच सीटें- सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थी. वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर भाजपा के पास थी.