अखिलेश यादव के मास्टरस्ट्रोक पर भारी पड़ेगा कांग्रेस का त्याग, ऐसे कैसे बनेंगे सत्ताईस का सत्ताधीश?
UP By-Election 2024 के लिए कांग्रेस ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. कांग्रेस के इस फैसले के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
UP ByPolls 2024: उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों- करहल, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर पर उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच सामंजस्य बनता दिख रहा है. भले ही सपा चीफ अखिलेश यादव ने यह ऐलान कर दिया हो कि सभी 9 सीटों पर सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा जाएगा लेकिन वह यह भी कह रहे हैं कि कांग्रेस संग इंडिया अलायंस नहीं टूटेगा.
इतना ही नहीं बुधवार देर रात सपा के सिबंल पर सभी 9 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद अखिलेश ने सोशल मी़डिया साइट एक्स पर पोस्ट किया. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और रायबरेली सांसद राहुल गांधी के साथ फोटो शेयर कर अखिलेश ने लिखा कि हमने ये ठाना है ‘संविधान, आरक्षण, सौहार्द’ बचाना है ‘बापू-बाबासाहेब-लोहिया’ के सपनों का देश बनाना है.
वहीं यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान इस पर फैसला करेगा. एबीपी न्यूज़ से बातचीच में अजय राय ने इस सवाल पर कि क्या उत्तर प्रदेश उपचुनाव में आप कुछ सीटों पर कांग्रेस के सिंबल पर भी प्रत्याशी को उतारेंगे, कहा कि - नहीं, इस विषय पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व फैसला लेगा.
राय के बयान और अखिलेश के ऐलान से यह स्पष्ट हो रहा है कि कांग्रेस और सपा का अलायंस नहीं टूटेगा. यह गठबंधन 2027 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस और सपा साथ आएंगे. अब सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस यह त्याग क्यों कर रही है?
ये है कांग्रेस का प्लान?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस उपचुनाव में 5 या 2 सीटों के फेर में न फंसकर साल 2027 के विधानसभा चुनाव में लंबी बाजी मारनी चाहती है. उपचुनाव में कुछ सीटों का त्याग उसे वर्ष 2027 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में काफी फायदा पहुंचा सकता है.
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस को यह लग रहा है कि अगर वह कुछ सीटों पर चुनाव लड़ भी ले तो उसे इस बात की आशंका है कि वह हार सकती है क्योंकि जो दो सीटें सपा उसे ऑफर कर रही है उस पर हाल के चुनावों में उसकी जीत नहीं हुई. ऐसे में अगर परिणाम, कांग्रेस के लिए विपरीत रहे तो साल 2027 के विधानसभा चुनाव में सपा, सीटों के मामलों में उसे ज्यादा तवज्जो नहीं देगी.
सूत्रों के इस दावे को उस समय पुष्टि भी मिल गई जब यूपी कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस आने वाले 2027 के होने वाले विधानसभा चुनाव में मजबूती से उतरेंगे. बता दें साल 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अपने मौजूदा त्याग को संजीवनी बूटी मानकर चल रही है. पार्टी का मानना है कि राहुल गांधी के संविधान बचाओ वाले नारे की वजह से यूपी में दलितों का वोट मिला. अब इस चुनाव में अगर सपा को आशानुरुप परिणाम नहीं मिलेंगे तो कांग्रेस इसी दावे आधार पर 2027 में ज्यादा सीटों का दबाव बनाएगी.