Sisamau ByPolls 2024: कानपुर की सीसामऊ सीट बीजेपी के लिए जितनी जरूरी है, उतनी ही सपा के लिए भी मायने रखती है. सपा का बरसों पुराना कब्जा टूट न जाए, इसके लिए सपा ताकत झोंक रही है. बीजेपी भी अपने बरसों पुराने सपने को साकार करने के लिए जी तोड़ मेहनत में लगी है. सीसामऊ सीट की ये लड़ाई जहां एक ओर इंडिया गठबंधन और बीजेपी के बीच दिख रही है. इस लड़ाई के पीछे छिपी हुई एक अंदरूनी कलह बीजेपी की जीत में रोड़ा साबित होती नजर आ रही है, जो बीजेपी के अंतर्कलह की सुगबुगाहट विपक्ष के खेमे में बुलंद स्वर में सुनाई दे रही है.


बीजेपी ने कानपुर की इस हॉट सीट पर दो बार हार दर्ज करा चुके विधानसभा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी पर तीसरी बार दांव लगाया है. अब बीजेपी के नेताओं को शायद रास नहीं आ रहा है विपक्ष की माने तो बीजेपी के पूर्व सांसद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज है. क्योंकि उन्हें कानपुर लोकसभा में टिकट नहीं दी गई जबकि वो जीते हुए सांसद थे, जिसके बाद सांसद महोदय ने अपनी बेटी के लिए भी सीसामऊ सीट पर टिकट की दावेदारी की थी जिसे भी नकार दिया गया. फिर बेटे के नाम की भी चर्चा हुई लेकिन सांसद की उस बार को भी नजर अंदाज किया. जिससे पूर्व सांसद बीजेपी के वर्तमान प्रत्याशी सुरेश अवस्थी और बीजेपी के नेतृत्व से नाराज है. इस चुनाव में बीजेपी और  प्रत्याशी के लिए मुसीबत साबित हो सकती है, विपक्ष को इसका फायदा मिल सकता है.


दलित वोट पर भी पड़ेगा प्रभाव
दूसरी अंतर्कलह के लिए विपक्ष ने बीजेपी को इस सीट पर सबसे पहले जीत दिलाने वाले एक पूर्व  दलित विधायक का जिक्र किया जिसमें कहा जा रहा है की बीजेपी ने दलित पूर्व विधायक को इस सीट पर टिकट देने के लिए बुलाया था. मुख्यमंत्री ने उसके साथ मुलाकात कर फोटो भी खिंचवाई थी लेकिन आखिरी समय में उसे भी टिकट नहीं दी गई, जो इस विधान सभा में दलित वोटरों का बड़ा नेतृत्व माना जाता था.


हालाकि इस अंतर्कलह और विरोध का अंदाजा बीजेपी प्रत्याशी को भी था. तभी टिकट घोषित होने के बाद उन्होंने कहा कि टिकट की दौड़ में और भी लोग थे, हमसे ज्यादा डिजर्व करने वाले नेता मौजूद है लेकिन हम पर पार्टी ने विश्वास जताया है. हम सभी के आशीर्वाद और सहयोग से इस चुनाव को जीतेंगे. इस सीट पर बीजेपी की तैयारी पूरी है, अंतर्कलह जीत में रोड़ा बनता है या फिर विपक्ष का अंदाजा महज कयास साबित होता है. यह तो नतीजे ही बताएंगे.


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