UP News: यूपी में जल्द ही विधानसभा की जिन दस सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें संगम नगरी प्रयागराज की फूलपुर सीट भी शामिल हैं. फूलपुर सीट यहां से बीजेपी के टिकट पर विधायक रहे प्रवीण पटेल के सांसद निर्वाचित होने की वजह से खाली हुई हैं. हालांकि खास बात यह है कि प्रवीण पटेल फूलपुर की लोकसभा सीट से भले ही चार हजार वोटों से सांसद निर्वाचित हुए हों, लेकिन अपनी फूलपुर विधानसभा सीट पर उन्हें समाजवादी पार्टी से तकरीबन अठारह हजार वोटों से करारी हार का सामना करना पड़ा था. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें सिर्फ ढाई हजार वोटों से ही जीत मिली थी.  

  


लोकसभा चुनाव में फूलपुर की विधानसभा सीट पर अठारह हजार वोटों की बढ़त लेने की वजह से यहां सपा के हौसले बुलंद हैं. पार्टी ने यहां औपचारिक तौर पर आवेदन नहीं मांगे हैं, लेकिन इस सीट पर सपा के पचास से ज़्यादा नेता और कार्यकर्ता टिकट पाना चाहते हैं. यह संख्या बीजेपी से करीब डेढ़ गुना ज्यादा हैं. सपा के टिकट की दावेदारी करने वालों में पूर्व सांसदों, पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री के साथ ही दूसरे दलों के भी रसूखदार नेताओं के नाम शामिल हैं. ऐसे में अखिलेश यादव को पार्टी उम्मीदवार का नाम तय करने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. संभावित उम्मीदवारों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल का नाम भी है. 


कौन हैं दावेदार
सपा का टिकट चाहने वाले पचास से ज़्यादा दावेदारों में तीन नाम सबसे प्रमुख है. इनमें पहला नाम चार महीने पहले लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले अमरनाथ मौर्य का है. फूलपुर सीट पर अठारह हजार वोटों की बढ़त हासिल करने की वजह से उनकी दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है. वह इस सीट के जातीय समीकरण में भी पूरी तरह फिट बैठ रहे हैं. अमरनाथ मौर्य संभावित प्रत्याशी के तौर पर पूरे दिन यहां सक्रिय भी नजर आ रहे हैं. दूसरा नाम तीन बार विधायक रह चुके मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी का है. 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें यहां सिर्फ ढाई हजार वोटों के मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. 


विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद क्षेत्र में उनका लगातार सक्रिय रहना और कार्यकर्ताओं के बीच सम्मान उनकी दावेदारी को और मजबूत कर रहा है. वह प्रयागराज की सोरांव और प्रतापपुर सीटों से तीन बार बीएसपी से विधायक रहे हैं. तीसरा नाम पूर्व सांसद धर्मराज पटेल का है. वह 1999 में फूलपुर सीट से सपा के टिकट पर सांसद चुने गए थे. यहां यादव और मुस्लिम वोटरों के साथ ही कुर्मी वोटर भी निर्णायक भूमिका में हैं. हालांकि बीच में कुछ दिनों के लिए वह सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे.  


सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल भी फूलपुर विधानसभा सीट के ही रहने वाले हैं और यहीं से वोटर भी हैं. अभी वह किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. पार्टी उन्हें जल्द ही विधानसभा भेजना चाहेगी. हालांकि इस बात की उम्मीद कम ही है कि पार्टी उन्हें उम्मीदवार बनाकर कोई रिस्क लेना चाहेगी. पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि उन्हें विधान परिषद भेजना ही ज़्यादा ठीक होगा. खुद उम्मीदवार नहीं होने की सूरत में वह सभी दस सीटों पर प्रचार के लिए पर्याप्त वक़्त निकाल सकेंगे.   


ब्राह्मण और यादव दावेदार
फूलपुर सीट पर सपा के टिकट की दावेदारी करने वाले ब्राह्मण चेहरों में शशांक त्रिपाठी, मनोज पांडेय, पवन द्विवेदी, शिक्षाविद रावेंद्र मिश्र, तेज तर्रार महिला नेत्री मंजू पाठक और रवि मिश्र शामिल हैं. शशांक त्रिपाठी रसूखदार ब्राह्मण परिवार से हैं और साल 2012 में शहर उत्तरी सीट से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. मनोज पांडेय जिले की फाफामऊ सीट से बीएसपी के टिकट के साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर किस्मत आजमा चुके हैं. उनकी पत्नी अभी ब्लाक प्रमुख हैं. रवि मिश्र पार्टी की लीगल विंग में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं, जबकि पवन द्विवेदी बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं और इन दिनों खासे सक्रिय हैं. मंजू पाठक महिला अधिकार संगठन नाम से एनजीओ चलाती हैं. 


यादव वर्ग से संभावित उम्मीदवारों में गंगापार के जिलाध्यक्ष अनिल यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष कृष्णमूर्ति सिंह यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष और 2019 में पार्टी के टिकट पर ही लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले पंधारी यादव, जिला उपाध्यक्ष डा० राजेश यादव, 2017 में हंडिया सीट से चुनाव लड़ चुकी पूर्व एमएलसी वासुदेव यादव की बेटी निधि यादव, तेज तर्रार युवा नेता अभिषेक यादव और मंजू यादव के नाम शामिल हैं. 


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लिस्ट में ये दावेदार भी
मुस्लिम समुदाय से भी तमाम नेता दावेदारों की फेरहिस्त में हैं. पूर्व विधायक मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी के साथ ही पूर्व विधायक हाजी परवेज अहमद उर्फ़ परवेज टंकी, टाउन एरिया के पूर्व चेयरमैन और 2017 में फूलपुर से ही विधानसभा का चुनाव लड़ चुके मंसूर आलम, पार्टी नेता और हॉस्पिटल संचालक डा० सरताज अहमद, फूलपुर और शहर दक्षिणी सीटों से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हाजी माशूक खान, यूथ विंग के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद दानिश, हंडिया टाउन एरिया के चेयरमैन अहमद अंसारी और तंजीमउद्दीन उर्फ़ छोटे प्रधान का नाम प्रमुख है.       


कुर्मी दावेदारों में धर्मराज पटेल के अलावा 2019 में इलाहाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ चुके राजेंद्र पटेल उर्फ़ राजेंद्र खरे, पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरामणि पटेल, वरिष्ठ नेता एसपी सिंह पटेल, सोशल एक्टिविस्ट और पार्टी नेता संगीता पटेल, पूर्व सांसद धर्मराज पटेल के भांजे पंकज पटेल के नाम शामिल हैं. पाल बिरादरी में अगर प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल को अलग कर दिया जाए तो वरिष्ठ नेता और जिला उपाध्यक्ष राम सुमेर पाल और पार्टी नेता दरोगा पाल के नाम शामिल हैं. 


दलित वर्ग में छात्र राजनीति से सियासी दुनिया में कदम रखने वाले युवा नेता राजू पासी, पूर्व ब्लाक प्रमुख सुषमा भारती और पूर्व सांसद सुरेश पासी के बेटे रजनीश पासी के नाम शामिल हैं. इनके अलावा इन दिनों दूसरे दलों में रहकर राजनीति कर रहे एक पूर्व सांसद और एक पूर्व विधायक भी फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी का टिकट हासिल करने की दौड़ में हैं. इनमे एक गंगापार तो दूसरे यमुनापार से ताल्लुक रखते हैं. हालांकि कांग्रेस पार्टी भी इस सीट पर मजबूती से अपनी दावेदारी जताने में लगी हुई है.