UP ByPolls 2024: देश दुनिया में अपनी छाप छेड़ने वाला कानपुर किसी पहचान का मोहताज नहीं है. कानपुर की लाल इमली मिल अब सियासत का हिस्सा भी बनती जा रही है. सीसामऊ विधानसभा में बनी ये मिल और यहां के मजदूर बीजेपी के लिए बड़ी आस साबित हो रही थे. यहां के मजदूर भी बीजेपी के लिए वोटर के साथ निर्णायक भूमिका निभाने वाले साबित हो रहे थे, लेकिन अब बीजेपी के सभी प्रयास और कयास पर मिल मजदूरों ने विराम लगा दिया है. मजदूर उपचुनाव में बीजेपी का साथ छोड़ते दिख रहे हैं.


लाल इमली मिल कानपुर की सबसे हॉट कही जाने वाली सीसामऊ क्षेत्र में स्थापित है. बरसों से बंद पड़ी यह जितनी अहम है, उतने ही यहां के मजदूर भी. इस मिल में काम करने वाले अमूमन मजदूर घर पर हैं और बचे हुए लगभग 200 मजदूर अभी भी मिल में अपने पुराने भुगतान को लेकर सरकार से आस लगाए बैठे हैं.दरअसल सीसामऊ सीट पर बीजेपी पिछले 22 साल से अपना कब्जा नहीं बना पाई है. इस सीट पर सपा के विधायक इरफान सोलंकी और सोलंकी परिवार काबिज थे लेकिन विधायक इरफान जेल में हैं और अब इस सीट पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं. बीजेपी इस मौके को छोड़ना नहीं चाहती. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी इसी क्षेत्र मे जनसभा को संबोधित कर मतदाताओं को साधने का प्रयास किया है.


मिल मजदूरों ने बीजेपी के खिलाफ खोला मोर्चा
जानकारी के मुताबिक, पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की 12 हजार वोटों से हार हुई थी. इस अंतर को मिटाने और अपनी जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी ने बंद पड़ी लाल इमली मिल को पुनः शुरू करने का वादा किया था. साथ ही मिल मजदूरों के बकाया करोड़ों रुपए चुनाव से पहल दिलाने का वादा किया था. मिल में काम कर रहे मजदूर और  उनके परिवार के लोगों ने बीजेपी को वोट करने की बात कही थी लेकिन चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है लेकिन मांग पूरी नहीं होने पर मिल मजदूरों बीजेपी के खिलाफ होने का ऐलान कर दिया है. मजदूरों ने लाल इमली मिल के बाहर बैनर लगाकर विरोध जताना शुरू कर  दिया.


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