UP Cabinet Meeting: अयोध्या में कैबिनेट बैठक से बीजेपी देगी धार्मिक एजेंडे को धार, इन फैसलों पर लग सकती है मुहर
UP Cabinet Expansion: मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच अयोध्या में दिवाली से पहले योगी कैबिनेट की अहम बैठक होने जा रही है. सीएम योगी ने बीते दिन ही राज्यपाल से भी मुलाकात की थी.
UP Cabinet Meeting Ayodhya: अयोध्या में आगामी 9 नवंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक काफी अहम मानी जा रही है. इस बैठक से भारतीय जनता पार्टी अपने धार्मिक एजेंडे को धार देने जा रही है. योगी आदित्यनाथ की पूरी कैबिनेट कल रामलला के शरण में होगी. रामलला के दर्शन करने के बाद फिर अहम फैसले लिए जाएंगे. अयोध्या के अंतरराष्ट्रीय राम कथा धाम में योगी कैबिनेट की बैठक होगी.
ये हो सकते हैं मुद्दे
लखनऊ के बाहर प्रयागराज के बाद अयोध्या में हो रही कैबिनेट बैठक में बीजेपी धार्मिक एजेंडे को धार देगी. इस बैठक में अयोध्या तीर्थ विकास परिषद, देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद और मुजफ्फरनगर के शुक्रताल धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन को हरी झंडी दी जा सकती है. इन तीनों ही विकास परिषद में मुख्यमंत्री अध्यक्ष बनाए जाएंगे. कैबिनेट में इन विधेयकों को पास करने के बाद नवंबर के आखिर में होने वाले विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में इन्हें रखा जाएगा. इसके अलावा उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन का भी निर्णय इस बैठक में हो सकता है.
योगी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज
यूपी कैबिनेट के विस्तार की चर्चा भी तेज है. सूत्रों के अनुसार, आगामी 10 नवंबर को योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है. बीते दिन ही सीएम योगी ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की. जिसके बाद विस्तार की अटकलों को और बल मिल गया. चर्चा है कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के साथ कुछ अन्य नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है.
2017 से बीजेपी के शीर्ष एजेंडे में है अयोध्या
उत्तर प्रदेश में 2017 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के साथ ही योगी सरकार के सबसे मुख्य एजेंडे में अयोध्या रहा है. योगी आदित्यनाथ भी समय-समय पर अयोध्या जाकर वहां के विकास की रूपरेखा को देखते रहते हैं. मौजूदा स्थिति में केंद्र से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं में अयोध्या प्राथमिकता पर है. मौजूदा स्थिति में तकरीबन 30,000 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट्स पर अयोध्या में काम चल रहा है.
विपक्ष का सॉफ्ट हिंदुत्व पर जोर
अयोध्या में 11 नवंबर को होने वाले दीपोत्सव समारोह से पहले कैबिनेट की बैठक होना और महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस साल का दीपोत्सव सामान्य से अधिक भव्य होने की उम्मीद है क्योंकि 24 जनवरी, 2024 को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर का उद्घाटन करने से पहले ये आखिरी दिवाली होगी. विपक्ष के सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चलने के मुद्दे के बीच ये बैठक अयोध्या में हो रही है. हाल ही में कई विपक्षी नेताओं को धार्मिक स्थलों पर देखा गया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव भी केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन करने गए थे.
राजधानी के बाहर दूसरी बार हो रही बैठक
योगी सरकार में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बाहर दूसरी बार कैबिनेट बैठक हो रही है. इसके पहले 2019 में कुंभ के दौरान प्रयागराज में कैबिनेट की बैठक हुई थी. इस बैठक के पहले योगी के सभी मंत्रियों ने संगम में डुबकी लगाई थी और उसके बाद मेरठ से लेकर प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेसवे के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई थी. इसी तरीके से अयोध्या में भी बैठक के पहले मंत्री रामलला के मंदिर जाकर दर्शन पूजन करेंगे और उसके बाद कैबिनेट में अयोध्या और अन्य तीर्थ क्षेत्र के विकास से जुड़े हुए मुद्दे पर एजेंडे पास होंगे.
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