UP Politics: योगी के मंत्री ने तिरंगा यात्रा को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना, फारूक अब्दुल्ला पर भी किया पलटवार
Anil Rajbhar News: कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने रणदीप सुरजेवाला के दिए गए राक्षस वाले बयान पर भी पलटवार किया. उन्होंने कहा कि जो लोग 10 लाख लोगों की जान ले चुके हैं, वह लोग राक्षसी प्रवृत्ति के हैं.
UP News: उत्तर प्रदेश के गोंडा (Gonda) पहुंचे कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर (Anil Rajbhar) ने भारत के विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित मौन जुलूस कार्यक्रम में शामिल हुए. इस मौके पर अनिल राजभर ने फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) की ओर से तिरंगा यात्रा को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला तिरंगा यात्रा को तमाशा बताते हैं, कांग्रेस (Congress) के साथ उनके मित्र जब ऐसे कार्यक्रमों पर टिप्पणी और विरोध करते हैं तो समझता हूं कि भारत विभाजन वाली जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) की मानसिकता और ऐसे विचार अभी भी जिंदा हैं. ऐसे में इस तरह कार्यक्रम ज्यादा प्रासंगिक और जरूरी हो जाते हैं.
अनिल राजभर ने कहा कि ऐसे विचार वाले अगर देश में रहेंगे तो देश में फिर से खतरा आ सकता है. फिर से देश का बंटवारा हो सकता है इसीलिए अब देश को खड़ा होना चाहिए. ऐसे कार्यक्रमों को अंगीकार करना चाहिए. ऐसे कार्यक्रमों को हम लोग और विस्तार देंगे. राहुल गांधी की ओर से संसद ने मणिपुर को लेकर दिए गए बयान पर निशाना साधते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि आप किसी को जबरदस्ती लीडर नहीं बना सकते हैं. कांग्रेस और सोनिया गांधी की 7 पुस्त राहुल गांधी को लीडर नहीं बन सकती.
रणदीप सुरजेवाला का बोला हमला
वहीं कैबिनेट मंत्री ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला की ओर से दिए गए राक्षस वाले बयान पर भी पलटवार किया. उन्होंने कहा कि जो लोग 10 लाख लोगों की जान ले चुके हैं, वह लोग राक्षसी प्रवृत्ति के हैं, जो लौटकर भारत में आए उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थाई नागरिकता दी, गौरव दिया, वह राक्षसी प्रवृत्ति के हैं. वह 2024 में जनता तय कर लेगी, सुरजेवाला घबराएं नहीं.
भारत के विभाजन को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना
इसके अलावा भारत के विभाजन को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अनिल राजभर ने कहा कि उनके लिए भारत प्राथमिकता नहीं था और न ही भारत की जनता प्राथमिकता थी, अगर भारत की जनता प्राथमिकता होती तो 2 करोड़ लोगों को वह चौराहे पर नहीं खड़ा करते. 10 लाख से ज्यादा लोगों की जान वह नहीं लेते, उनके लिए सत्ता प्राथमिकता है, गद्दी प्राथमिकता थी. आज भी कांग्रेस और उनके जो साथी लोग हैं, उनकी प्राथमिकता आज भी देश नहीं है और न ही भारत है, आज भी उनकी प्राथमिकता सत्ता और गद्दी है.
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