कोरोना पर हाईकोर्ट के सुझाव के बाद बोली योगी सरकार- राज्य में लॉकडाउन जैसे हालात नहीं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था, “जब हमें रोजी-रोटी और जीवन के बीच संतुलन बनाना होता है तो जीवन का रहना जरूरी है. जीने के लिए भोजन जरूरी है, न कि भोजन के लिए जीवन”
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन जैसे हालात नहीं है और यहां की स्थिति अन्य प्रदेशों के मुकाबले काफी बेहतर है. उन्होंने कहा कि आबादी के लिहाज से पूरे देश में कोरोना मृत्यु दर सबसे कम उत्तर प्रदेश में है.
प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का बयान ऐसे समय में आया है जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मंगलवार को अपनी टिप्पणी में प्रदेश में 15 दिन के लिए लॉकडाउन लगाने की बात कही थी.
"जीने के लिए भोजन जरूरी है, न कि भोजन के लिए जीवन" उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने कहा था, “जब हमें रोजी-रोटी और जीवन के बीच संतुलन बनाना होता है तो जीवन का रहना जरूरी है. जीने के लिए भोजन जरूरी है, न कि भोजन के लिए जीवन. हमें नहीं लगता कि एक पखवाड़े के लिए लॉकडाउन लगाने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था ऐसी स्थिति में पहुंच जाएगी कि लोग भूखे मरने लगेंगे.”
न्यायालय की टिप्पणी पर हालांकि मंत्री ने कहा, “मैंने उच्च न्यायालय का आदेश अभी पढ़ा नहीं है. अगर न्यायालय ने ऐसा कुछ कहा है तो सरकार उस पर विचार करेगी.” मंत्री ने यहां सर्किट हाउस में अपने विधानसभा क्षेत्र शहर पश्चिमी में छह करोड़ 41 लाख रुपये की लागत से निर्मित 47 सड़कों का लोकार्पण किया.
'प्रदेश में अपराध कम हुआ' प्रदेश में कानून व्यवस्था पर मंत्री ने कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में डकैती और बलात्कार जैसे अपराधों में पिछले तीन सालों में काफी कमी आई है. कानून व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है.
उन्होंने बताया कि पाल समुदाय के जीवन में बदलाव के लिए गांजा गांव में ऊन प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित हो रहा है. प्रयागराज में पाल समुदाय से जुड़े लगभग दो लाख लोग हैं जो इस यूनिट से लाभान्वित होंगे.
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