Prayagraj News: यूपी की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए योगी सरकार लगातार नए- नए प्रयोग कर रही है. पहले बेसिक स्कूलों में टीचर्स की डिजिटल अटेंडेंस का फैसला लिया गया और अब  माध्यमिक विद्यालयों के क्लासरूम की मॉनिटरिंग बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर सीसीटीवी के जरिए ऑनलाइन तरीके से किए जाने की शुरुआत की गई है. यूपी में बोर्ड परीक्षा के दौरान जिस तरह क्लासरूम की निगरानी सीसीटीवी कैमरों के जरिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम से की जा रही थी, उसी तरह से अब स्कूलों के क्लासरूम की पढ़ाई की मॉनिटरिंग भी सीसीटीवी के जरिए शुरू कर दी गई है.

इस अनूठे प्रयोग की शुरुआत शनिवार को संगम नगरी प्रयागराज में ज्वाइंट डायरेक्टर के ऑफिस में बनाए गए कंट्रोल रूम से की गई. इसका उद्घाटन माध्यमिक शिक्षा विभाग के डायरेक्टर डा० महेंद्र देव और ज्वाइंट डायरेक्टर दिव्यकांत शुक्ल ने किया. प्रयागराज में बनाए गए कंट्रोल रूम में अभी मंडल के सभी डेढ़ सौ जीआईसी और जीजीआईसी यानी गवर्नमेंट कॉलेज की ही की जा रही है. शनिवार को पहले ही दिन कई कॉलेज में गड़बड़ियां भी पकड़ी गई.

तीन लेवल पर होगी क्लासरूम की मॉनिटरिंग
 प्रयागराज के बाद सीसीटीवी कैमरों के जरिए क्लासरूम की मॉनिटरिंग चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में शुरू की जाएगी. प्रदेश में गवर्नमेंट कॉलेजों की संख्या तकरीबन तेईस सौ है. गवर्नमेंट कॉलेज के बाद क्लास रूम की मॉनिटरिंग की व्यवस्था एडेड कॉलेजों क्लासरूम में भी की जाएगी. माध्यमिक विद्यालयों के क्लासरूम की मॉनिटरिंग आगे चलकर तीन स्तर पर किए जाने की तैयारी है. पहली मॉनिटरिंग डिस्ट्रिक्ट लेवल पर होगी वहीं दूसरी मंडल लेवल पर और तीसरे मुख्यालय स्तर पर भी होगी.

माध्यमिक शिक्षा विभाग के डायरेक्टर डा० महेंद्र देव और ज्वाइंट डायरेक्टर दिव्य कांत शुक्ला के मुताबिक क्लासरूम में क्या कुछ हो रहा है, उसे कंट्रोल रूम में सीसीटीवी कैमरे के जरिए देखा जा सकता है. टीचर क्लासरूम में पहुंचे हैं या नहीं. वहां पढ़ाई हो रही है या नहीं. स्टूडेंट के बीच झगड़ा तो नहीं हो रहा है. क्लासरूम में क्या एक्टिविटी चल रही है, यह सब कुछ सीसीटीवी के जरिए ऑनलाइन तरीके से कंट्रोल रूम में साफ नजर आएगा. ड्यूटी पर बैठने वाले कर्मचारियों को सभी कॉलेज के प्रिंसिपल के मोबाइल नंबर भी दिए गए हैं.

इससे शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी
 शिक्षा विभाग के अफसरों के मुताबिक जिस तरह सीसीटीवी कैमरों के जरिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग शुरू किए जाने के बाद यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में नकल बिल्कुल खत्म हो गई. उसी तरह से अब साल भर पढ़ाई के दौरान भी यूपी बोर्ड के स्कूलों में टीचर्स क्लास रूम में समय से पहुंचकर स्टूडेंट्स को पढ़ाते हुए नजर आएंगे. इससे न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि यूपी बोर्ड की स्कूलों की साख बढ़ेगी और साथ ही स्टूडेंट कॉन्वेंट स्कूलों के बजाय यूपी बोर्ड के कॉलेज में पढ़ाई के लिए फिर से वापस लौटना शुरू करेंगे. 


ये भी पढ़ें: UP News: यूपी पर खत्म नहीं हुआ सस्पेंस, अभी और करना होगा इंतजार?