यूपीए के कार्यकाल में सबसे ज्यादा किसानों ने की आत्महत्या, मोदी राज में खुश हैं किसान : योगी आदित्यनाथ
योगी ने कहा कि पीएम मोदी की प्रेरणा से पूरा देश सुशासन दिवस को किसान भाइयों के सम्मान दिवस के रूप में मना रहा है. क्योंकि किसानों के हितों और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए अटल जी ने पहला प्रयास किया था.
लखनऊ. पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को बीजेपी सुशासन दिवस के रूप में मना रही है. इस मौके पर यूपी में कई जगहों पर बीजेपी नेता किसानों के साथ संवाद कर रहे हैं. लखनऊ के मोहनलाल गंज में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए. इस कार्यक्रम में उन्होंने दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया. योगी ने पीएम मोदी द्वारा चलाई गई कई योजनाओं का जिक्र भी किया. इसके अलावा उन्होंने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया.
योगी ने कहा कि पीएम मोदी की प्रेरणा से पूरा देश सुशासन दिवस को किसान भाइयों के सम्मान दिवस के रूप में मना रहा है. क्योंकि किसानों के हितों और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए अटल जी ने पहला प्रयास किया था. उन्होंने कहा कि पीडीएस की व्यवस्था, अंत्योदय और अन्नापूर्णा योजना अटल जी की देन है. इसमे हर गरीब को निशुल्क या सस्ते में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है. आजादी के बाद पहली बार देश के अंदर ग्रामीण अर्थ्यवस्था पर जोर देने का प्रयास अटल जी के समय पर हुआ था. जब पीएम ग्रामीण सड़क योजना शुरू हुई थी और गांव पक्की सड़कों से जुड़े. इन सड़कों की वजह से किसान अपनी उपज को मंडी, बाजार तक ले जा सकते हैं.
"किसानों के लिए पहले की सरकारों ने नहीं किया काम" योगी ने कहा कि आज देश का किसान खुशहाल है. किसानों की खुशहाली पहले भी लाई जा सकती थी, लेकिन पहली की सरकारों के पास समय नहीं था. परिवार, जातिवाद, क्षेत्र और भाषा के नाम पर भेदभाव करना अपनी राजनीतिक जीवन का उद्देश्य बना दिया है. ऐसे लोगों से गांव, किसानों, नौजवानों के लिए रोजगार के विकास की उम्मीद नहीं कर सकते.
"यूपीए शासन में सबसे ज्यादा किसानों ने की आत्महत्या" सीएम ने आगे कहा कि 2004 से 14 के बीच प्रदेश और देश में किसानों ने सबसे ज्यादा आत्महत्याएं की. क्योंकि किसानों को बीज, बिजली, खाद नहीं मिलता था. अनाज का दाम भी नहीं मिलता था. गन्ना किसानों को कई सालों तक उनका भुगतान नहीं मिलता था. निराश किसान कर्ज के नीचे दब चुका था. उसके सामने पलायन, आत्महत्या के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा था. फिर माफियाओं को किसानों, गरीबों की जमीनों पर कब्जे के लिए प्रेरित किया जाता था. अब किसानों की जमीनों को मुक्त कराया जा रहा है. माफियाओं के ठिकानों पर बुल्डोजर चलाया जा रहा है. जिन लोगों को खेती-किसानी की जानकारी नहीं, जिनको देश की प्रगति अच्छी नहीं लगती. जिन्हें किसानों के चेहरे की खुशहाली उनकी समृद्धि अच्छी नहीं लगती. वे लोग तमाम प्रकार के षणयंत्र कर रहे हैं.
मोदी के पीएम बनने के बाद 6 सालों में कही भी खाद, बिजली की कमी नहीं है. हमारी सरकार आने के बाद यूपी में क्रय केंद्रों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को देना शुरू किया. मोदी ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार लागत का लागत का डेढ़ गुना दाम किसानों के खाते में देना शुरू किया. हमने सबसे पहले किसानों का कर्जा माफ किया. 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ का कर्जा माफ किया. यूपी के अंदर वर्षों से लंबित सिंचाई परियोजनाओँ को शुरू किया. आज किसान खुशहाल है. विपक्ष किसानों को गुमराह करने की बात कर रहा है. बीते चार सालों में चीनी मिलों को नहीं बेचा गया. बल्कि बंद मिलों को खोला गया. 1 लाख 12 हजार करोड़ का गन्ना मूल्य का भुगतान हमने किसानों को किया है. इतनी रकम कई राज्यों का वार्षिक बजट भी नहीं है.
रोजगार को लेकर कसा विपक्ष पर तंज योगी ने कहा कि पहले जब यूपी में नौकरी निकलती थी तो कुछ परिवारों के लोग वसूली करते थे. नौजवानों को नौकरी उसकी योग्यता और क्षमता पर नहीं बल्कि बोली के जरिए उनसे पैसा वसूलकर दी जाती थी. योग्य नौजवान वंचित रहा जाता था, लेकिन हमारी सरकार में योग्यता के आधार पर नौजवान को सम्मानजनक नौकरी दी जा रही है. चार साल का कार्यकाल पूरा होने तक हम प्रदेश में चार लाख सरकारी नौकरी दे चुके होंगे. इन नौजवानों को पहले भी नौकरी दी जा सकती थी, लेकिन पिछली सरकार भेदभाव करती थी. पहले वसूली के अड्डे बना दिये थे. नौकरी निकलने पर परिवार के अलग-अलग सदस्य झोला लेकर वसूली के लिए निकल जाते थे.
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