UP News: उत्तर प्रदेश के शहरों में अब सड़कों पर गाड़ी खड़ी करना लोगों को काफी महंगा पड़ सकता है. घर के बाहर सड़क पर आमतौर पर खड़ी होने वाली गाड़ी का नगर विकास विभाग आप से शुल्क ले सकता है. इसकी तैयारी नगर विकास विभाग ने शुरू कर दी है. घरों के बाहर रात में पार्किंग करने पर अब आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी. नगर निगमों में सार्वजनिक सड़क और स्थानों पर अब रात्रिकालीन पार्किंग शुल्क लगने वाला है.


उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने उत्तर प्रदेश नगर निगम अनंतिम नियमावली 2024 पर आपत्ति मांगी है . जिन विभागों से आपत्तियां / सुझाव मांगे गए हैं वे प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग अनुभाग 9, nagarvikasanubhag9@gmail.com पर अपनी आपत्तियां और सुझाव दे सकते हैं. 


क्या है प्रस्तावित रेट
अभी जो पार्किंग शुल्क की प्रस्तावित दरें हैं उसमें 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में दो पहिया वाहन का 1 घंटे का 7 रुपए, दो घंटे का ₹15, रात में 11:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 तक ₹50,  पूरे 24 घंटे का 57 रुपए और मासिक पास 855 रुपए का प्रस्तावित है. 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में चार पहिया वाहन का 1 घंटे का ₹15, दो घंटे का ₹30, रात 11:00 से लेकर सुबह 6:00 तक का ₹100,  पूरे 24 घंटे का ₹120 और महीने का पास 1800 रुपए का प्रस्तावित है. 


वहीं, अगर 10 लाख से कम आबादी वाले शहर की बात करें तो दो पहिया वाहन का 1 घंटे का ₹5,  दो घंटे का ₹10 , रात 11:00 से लेकर सुबह 6:00 तक का ₹30,  पूरे 24 घंटे का ₹40 और मासिक पास ₹600 का प्रस्तावित है. 10 लाख से कम आबादी वाले शहर में चार पहिया वाहन का 1 घंटे का ₹10 , दो घंटे का ₹20, रात 11:00 से लेकर सुबह 6:00 तक का ₹60,  पूरे 24 घंटे का 80 रुपए और महीने का पास ₹1200 का प्रस्तावित है.


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कैबिनेट की मंजूरी के बाद होगा लागू
कुल मिलाकर नगर विकास विभाग अब सड़कों पर गाड़ियां पार्क करने वाले लोगों से शुल्क लेने की योजना पर आगे बढ़ रहा है. आने वाले दिनों में जब सभी आपत्तियों और सुझाव आ जाएंगे तो जरूरत पड़ने पर एक बार प्रस्तावित दरों में जरूरत पड़ने पर कुछ हेर फेर हो सकता है और फिर नगर विकास विभाग अपनी तरफ से यह प्रस्ताव आगे देगा. जहां कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लागू कराया जा सकेगा. 


आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों शहरी क्षेत्र में सही ढंग से पार्किंग के लिए नगर विकास विभाग को नीति लाने का निर्देश दिया था और इसी आधार पर नगर विकास विभाग अपनी पार्किंग नीति ला रहा है . नगर विकास विभाग का मानना है की नई पार्किंग नीति से निकायों की आय में बढ़ोतरी होगी, वहीं बड़े शहरों में पार्किंग ठेकों मैं बड़ी कंपनियां भी टेंडर डाल सकेंगी.