UP Civic Election 2022: उत्तर प्रदेश में जल्द ही निकाय चुनाव (Nikay Chunav) को लेकर अधिसूचना जारी की जानी है. सभी राजनीतिक दल (Political Parties) इसे लेकर तैयारियों में जुटे हैं. भाजपा (BJP) और सपा (SP) का मुख्य फोकस फिलहाल तीन सीटों के उपचुनाव पर है लेकिन कांग्रेस (Congress) पूरी तरह सिर्फ निकाय चुनाव पर ध्यान केंद्रित करके तैयारियों में जुटी है. प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी (Brijlal Khabdi) के साथ ही सभी 6 क्षेत्रीय अध्यक्ष भी जिले-जिले घूम रहे हैं. असल में कांग्रेस की वर्तमान में जो स्थिति है उसमें ये चुनाव संजीवनी देने का काम कर सकते है. ये बात पार्टी नेतृत्व अच्छे से जानता है लेकिन ये संजीवनी हासिल करना इतना आसान नही. कांग्रेस के लिए ये चुनाव 2024 के सेमीफाइनल की तरह है.
नगर निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस
कांग्रेस के नेता वार्ड वार और नगर पंचायतों व नगर पालिका परिषद में जाकर लोगों से मिलने के साथ संगठन को एक्टिव करने में लगे हैं. पार्टी के नेताओं ने बताया कि वार्ड अध्यक्ष लगातार बूथ स्तर पर तैयारी में लगे हैं क्योंकि यूपी में कांग्रेस तीन दशक से अधिक समय से सत्ता से बाहर है ऐसे में जनता को गिनाने के लिए सत्ताधारी दल की तरह काम नहीं है. ऐसे में ये लोग जनता को भाजपा के साथ ही सपा और बसपा सरकार की खामियां बताने में लगे हैं. ये भी बताया जा रहा है कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तो उसने देश और प्रदेश के लिए क्या किया. लोगों को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बारे में भी बताया जा रहा है.
जानिए क्या है कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस के क्षेत्रीय अध्यक्ष नकुल दुबे ने बताया कि पुराने कांग्रेसी नेताओं के साथ ही युवा चेहरों दोनों को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा. इसके अलावा जिस तरह विधानसभा चुनाव में महिलाओं को बड़ी संख्या में टिकट दिये गए थे इस चुनाव में भी अवसर दिए जाएंगे. वार्ड अध्यक्षों साथ मंथन कर ऐसे कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा जो अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं. जिनकी अपने क्षेत्र में पब्लिक कनेक्टिविटी है. जो जनता के मुद्दों पर साथ खड़े होते हैं. लगातार केंद्रीय नेतृत्व भी यहां नज़र रखे है. आगे की रणनीति पर मंथन चल रहा है. पार्टी के एक नेता ने बताया कि उम्मीदवारों के चयन में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण भी देखे जा रहे हैं.
कांग्रेस के क्षेत्रीय अध्यक्ष नकुल दुबे ने बताया कि पुराने कांग्रेसी नेताओं के साथ ही युवा चेहरों दोनों को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा. इसके अलावा जिस तरह विधानसभा चुनाव में महिलाओं को बड़ी संख्या में टिकट दिये गए थे इस चुनाव में भी अवसर दिए जाएंगे. वार्ड अध्यक्षों साथ मंथन कर ऐसे कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा जो अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं. जिनकी अपने क्षेत्र में पब्लिक कनेक्टिविटी है. जो जनता के मुद्दों पर साथ खड़े होते हैं. लगातार केंद्रीय नेतृत्व भी यहां नज़र रखे है. आगे की रणनीति पर मंथन चल रहा है. पार्टी के एक नेता ने बताया कि उम्मीदवारों के चयन में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण भी देखे जा रहे हैं.