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UP Civic Election: कानपुर में मेयर सीट को लेकर राजनीतिक दलों में बिछने लगी बिसात, इन बड़े नामों ने ठोंकी दावेदारी
UP Civic Election 2022: यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है. बीजेपी, कांग्रेस, सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी के स्थानीय प्रमुखों से चुनाव के लिए आवेदन लिया जाना शुरू हो गया है.
UP Nagar Nikay Chunav 2022: कानपुर में निकाय चुनाव (Civic Election) के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण के बाद मेयर (Mayor) और पार्षदी के दावेदारों को लेकर सभी राजनीतिक दलों में सरगर्मी काफी तेज हो गई है. कानपुर (Kanpur) का अगला मेयर कौन होगा, इसको लेकर राजनीतिक दलों में विचार मंथन चल रहा है. बीजेपी (BJP) के क्षेत्रीय कार्यालय में बैठक चल रही है तो दूसरी तरफ लखनऊ (Lucknow) में कांग्रेस (Congress) के पीसीसी सदस्यों और जिला अध्यक्षों की मेयर प्रत्याशी और निकाय चुनाव को लेकर रणनीति पर बैठक जारी है.
कानपुर नगर निगम चुनाव में 21,78,487 मतदाता मतदान करेंगे. हालांकि नगर पालिका घाटमपुर, नगर पालिका बिल्हौर, नगर पंचायत बिठूर और नगर पंचायत शिवराजपुर में भी चुनाव होंगे पर सबसे ज्यादा हलचल नगर निगम चुनाव को लेकर है. पुनरीक्षित मतदाता सूची में दावा व आपत्ति सात नवंबर तक दाखिल की जा सकती है. उसके बाद फाइनल सूची प्रकाशित की जाएगी.
निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी में हलचल सबसे तेज
सबसे ज्यादा हलचल भारतीय जनता पार्टी में है. कानपुर मेयर सीट भले ही आरक्षण के हिसाब से घोषित न हुई हो पर कहा जा रहा है कि कानपुर मेयर सीट सामान्य हो सकती है. पिछली बार ये महिला सीट थी. दरअसल मेयर का प्रत्यक्ष चुनाव पहली बार भाजपा की सरला सिंह लड़ी थी और विजयी रहीं. तब ये सामान्य महिला सीट घोषित की गयी थी. उनके मुकाबले कांग्रेस की डा.प्रभा दीक्षित प्रत्याशी थी. दूसरे चुनाव में सामान्य सीट पर कांग्रेस के अनिल शर्मा विजयी रहे थे. बीजेपी ने सरला सिंह को रिपीट किया था पर उन्हें कामयाबी नहीं मिली.
सबसे ज्यादा हलचल भारतीय जनता पार्टी में है. कानपुर मेयर सीट भले ही आरक्षण के हिसाब से घोषित न हुई हो पर कहा जा रहा है कि कानपुर मेयर सीट सामान्य हो सकती है. पिछली बार ये महिला सीट थी. दरअसल मेयर का प्रत्यक्ष चुनाव पहली बार भाजपा की सरला सिंह लड़ी थी और विजयी रहीं. तब ये सामान्य महिला सीट घोषित की गयी थी. उनके मुकाबले कांग्रेस की डा.प्रभा दीक्षित प्रत्याशी थी. दूसरे चुनाव में सामान्य सीट पर कांग्रेस के अनिल शर्मा विजयी रहे थे. बीजेपी ने सरला सिंह को रिपीट किया था पर उन्हें कामयाबी नहीं मिली.
इसके बाद भी ये सीट सामान्य रही और बीजेपी के रवींद्र पाटनी ने कांग्रेस को बद्रीनारायण तिवारी को हराकर चुनाव जीता था. फिर भाजपा के पूर्व सांसद जगतवीर सिंह द्रोण मैदान में आए उन्होंने कांग्रेस के पवन गुप्ता को शिकस्त दी. 2017 के चुनाव में मेयर सीट महिला कोटे में आरक्षित कर दी गयी. वर्तमान मेयर प्रमिला पांडे ने कांग्रेस की वंदना मिश्रा को पराजित किया था. आबादी के लिहाज से कानपुर मेयर सीट के फिर से सामान्य श्रेणी में जाने की अटकलों का बाजार गरम है पर कुछ का यह भी कहना है कि इस बार भी ये महिला कोटे में जा सकती है.
कांग्रेस, सपा, बसपा भी पीछे नहीं
बीजेपी, कांग्रेस, सपा, बसपा और आम आदमी पार्टी के स्थानीय प्रमुखों से निकाय चुनाव को लेकर आवेदन लिया जाना शुरू हो गया है. बीजेपी में प्रमिला पांडेय बतौर प्रत्याशी रिपीट होने की जुगत में हैं तो यूपी राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर भी इस बार प्रबल दावेदार के रूप में उभरी है. महिला मोर्चा की राष्ट्रीय पदाधिकारी कमलावती सिंह और पूर्व पार्षद रीता शास्त्री भी दावेदारी ठोक रही हैं. पुरुष दावेदारों की सूची काफी लंबी है. उत्तर जिला अध्यक्ष सुनील बजाज, पूर्व प्रत्याशी सुरेश अवस्थी, बॉबी पाठक जैसे कुछ नाम गंभीर रूप से चर्चा में हैं. इसके साथ ही बसपा सरकार के पूर्व मंत्री अनन्त मिश्रा (अंटू) ने भले ही अभी पार्टी न बदली हो पर देर सवेर उनके बीजेपी में आने की चर्चा है. यह भी कहा जा रहा है कि अनंत मिश्रा मेयर प्रत्याशी के प्रबल दावेदार हैं.
दूसरी तरफ शहर के एक बड़े उद्यमी विजय कपूर मेयर के संभावित प्रत्याशी केरूप में चर्चा में हैं. एक वरिष्ठ भाजपा नेता की माने तो कानपुर की विधानसभा सीट से दूसरी बार निर्वाचित विधायक को 2017 में तब टिकट मिला था जब वो बीजेपी के सदस्य ही नहीं बने थे. ऐसे में कुछ भी संभव है.
कांग्रेस में बैठकों का सिलसिला तेज
इधर कांग्रेस में भी चुनाव तैयारी को लेकर बैठकें हो रही हैं. मंगलवार को लखनऊ में निकाय चुनाव को लेकर पीसीसी सदस्यों और जिला अध्यक्षों की बैठक चल रही है. कांग्रेस से मेयर के लिए अंकज शुक्ला, महेश दीक्षित चच्चू, राजेंद्र मिश्रा बब्बू का नाम प्रमुख रूप से चर्चा में है. महिलाओं में मेयर पद की पूर्व प्रत्याशी वंदना मिश्रा, पीसीसी सदस्य रीता कठेरिया, श्रीमती आजाद क्षत्रिय का नाम लिया जा रहा है.
ब्राह्मण चेहरे पर दांव चल सकती है सपा
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को जिला शाखाओं में अध्यक्ष पद पर तैनाती के साथ ही कमेटियों को भी स्वीकृति देनी थी पर यह कार्य शीघ्र ही होगा. सपा से मेयर पद के लिए पूर्व विधायक सतीश निगम का नाम सबसे ऊपर है हालांकि सपा ब्राह्मण, मुस्लिम और यादव वोटों के बूते ब्राह्मण कार्ड खेलकर एक प्रयोग कर सकती है. ऐसे में विधायक अमिताभ वाजपेयी पर ये प्रयोग किया जा सकता है. वरिष्ठ सपा नेता सुरेंद्र मोहन अग्रवाल के निवास पर मेयर प्रत्याशी को लेकर एक बैठक हो चुकी है. बसपा किसी मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी में पूर्व पार्षद मदनलाल भाटिया के नाम की चर्चा है.
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को जिला शाखाओं में अध्यक्ष पद पर तैनाती के साथ ही कमेटियों को भी स्वीकृति देनी थी पर यह कार्य शीघ्र ही होगा. सपा से मेयर पद के लिए पूर्व विधायक सतीश निगम का नाम सबसे ऊपर है हालांकि सपा ब्राह्मण, मुस्लिम और यादव वोटों के बूते ब्राह्मण कार्ड खेलकर एक प्रयोग कर सकती है. ऐसे में विधायक अमिताभ वाजपेयी पर ये प्रयोग किया जा सकता है. वरिष्ठ सपा नेता सुरेंद्र मोहन अग्रवाल के निवास पर मेयर प्रत्याशी को लेकर एक बैठक हो चुकी है. बसपा किसी मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी में पूर्व पार्षद मदनलाल भाटिया के नाम की चर्चा है.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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