UP Civic Election 2022: निकाय चुनाव पर फैसला आने के बाद सियासी पारा भी हाई है. एक तरफ जहां फैसला आते ही विपक्ष ने सरकार को घेरने का काम किया तो दूसरी तरफ सरकार ने भी अपना रुख साफ करके जवाब दे दिया. सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण (OBC Reservation) की सुविधा उपलब्ध करायेगी. इसके बाद ही नगरीय निकाय (UP Nikay Chunav) सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा. आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के निर्णय के क्रम में तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार करके सुप्रीम कोर्ट में अपील भी करेगी.


डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने क्या कहा
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि हमारी सरकार लगातार ओबीसी, एससी, एसटी को उनका हक दिलाने के लिए काम कर रही. विपक्ष पूरी तरह डिरेल है. उनके पास कोई नीति या एजेंडा नहीं है. सपा के पास डेवलपमेंट का कभी एजेंडा नहीं रहा, अपराधियों को पुष्पित पल्लवित करने वाली पार्टी है. बीजेपी काम कर रही. निकाय चुनाव में किसी का अधिकार नहीं मरेगा. हम पूरी तरह से हर समाज के साथ हैं. उनके हक की लड़ाई बीजेपी पूरी तरह से लड़ेगी. विधि विशेषज्ञों से चर्चा चल रही, हमारे न्याय मंत्रालय के अधिकारी मंथन कर रहे.


राज्य मंत्री संदीप सिंह ने क्या कहा
राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार कभी भी पिछड़ा विरोधी नहीं रही. हमारी पार्टी में हर वर्ग, हर समाज को पर्याप्त स्थान दिया जाता है. बीजेपी संगठन  समाज के हर व्यक्ति को साथ लेकर चलने वाला संगठन है. इन चुनाव को लेकर भी पूरी तरह से आरक्षण को लागू किया जाएगा. कमीशन का गठन करके पूरी प्रक्रिया करेंगे. सर्वे के बाद सभी लोगों को आरक्षण के माध्यम से लाभ दिया जाएगा. ट्रिपल टेस्ट भी कराया जाएगा. विपक्ष ने काफी प्रयास किया कि चुनाव समय पर ना हो. कोर्ट का जो निर्देश आया उसका पालन करते हुए आगे बढ़ेंगे.


कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने क्या कहा
वहीं इस फैसले के बाद बीजेपी के सहयोगी दल अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि, फैसले के बाद तय किया था कि आवश्यकता पड़ेगी तो पिछड़ों के हितों की रक्षा के लिए हम सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे, लेकिन अब निर्णय हो चुका है की क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी. अपना दल की जो मांग थी वो पूरी होती दिख रही है, अभी हम इंतजार कर रहे हैं. अपना दल ने पिछड़ों के हितों से ना कभी समझौता किया ना करेगी. जहां तक पिछड़ों के आरक्षण की बात है तो यह कहना चाहता हूं कि केंद्रीय स्तर पर चाहे नीट रहा हो, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय या सैनिक स्कूल, इन सब में पिछड़ों को आरक्षण देने का काम पीएम मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए सरकार ने किया. 


कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने आगे कहा कि इन विषयों पर हमारी नेता ने पिछड़ों को आरक्षण न मिलने का विषय उठाया था. वैसे मेरा सवाल है कि अपनी सरकार में सपा को ऐसे विषय क्यों नहीं याद आते. नेताजी मुलायम सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए एक बात याद दिलाना चाहता हूं की रक्षा मंत्री का महत्वपूर्ण पद नेताजी के पास था. उस समय उन्हीं की बैसाखी से यूपीए की सरकार चल रही थी तो चाहे नीट का विषय हो या सैनिक स्कूल में ओबीसी छात्रों को आरक्षण देने का, तब याद क्यों नहीं आया? इनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है. जब सरकार में हैं तब करना नहीं है, जब सरकार के बाहर हैं तो चिल्ला करके भ्रमित करने के लिए यह विषय उठाते हैं.


सपा नेता उदयवीर सिंह ने क्या कहा
वहीं इस पूरे मामले में सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ नया नहीं कहा. जब हाईकोर्ट ने कह दिया कि बगैर ट्रिपल टेस्ट के बिना डेडीकेटेड कमीशन बनाये, बगैर सर्वे चुनाव में आरक्षण नहीं दे सकते तो यही बयान दे दिया सरकार ने. यह तो मध्य प्रदेश मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका था. वहां की बीजेपी सरकार ने आरक्षण खत्म करके जनरल सीटों पर बिना आरक्षण चुनाव करा दिया. 


सपा नेता ने आगे कहा कि, यूपी सरकार अब सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रही है. अगर वह सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएंगे तो हम जाएंगे, जिनका हक है वह जाएंगे. जो दलितों और पिछड़ों के आरक्षण के लिए लड़ रहे हो वे ऐसे ही नहीं छोड़ देंगे. सरकार ने अंतिम समय तक यह कोशिश की कि गलत तरीके से मनमर्जी से किए गए आरक्षण पर चुनाव करा ले. इसके लिए पूरा तंत्र लगाया गया. ओबीसी बड़ा वर्ग है जो अपने अधिकारियों के लड़ना जानता भी है और चाहता भी है. उनके समर्थक समाजवादी पार्टी के लोग इसके लिए लड़ेंगे, चाहे संसद में, चाहे सड़क पर.


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