UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि किसान खेती के साथ में अति‍रिक्‍त आय का स्रोत ढूंढकर अपनी आय को दोगुनी कर सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार उनके साथ खड़ी है. खेती के साथ खेत के मेड़ पर शहतूत उगाकर उसके माध्‍यम से रेशम तैयार कर किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं. रेशम उत्‍पादन के लिए नेपाल के तराई का ये क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से भी काफी अनुकूल है. उन्‍होंने कहा कि किसानों को रेशम उत्‍पादन के लिए आगे आकर अपनी आय को बढ़ाने के लिए प्रयास करना होगा. रेशम का उत्‍पादन पिछले 15 गुना बढ़ने में 20 वर्ष लगे हैं, तो अगले 4 वर्ष में हम इसे 20 गुना बढ़ाकर 3500 टन तक ले जाएंगे.


गोरखपुर के रामगढ़ताल स्थित योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में रेशम निदेशालय उत्‍तर प्रदेश एवं अनुसंधान प्रसार केंद्र, केन्‍द्रीय रेशम बोर्ड वस्‍त्र मंत्रालय भारत सरकार की आरे से रेशम कृषि मेला का लोकार्पण करने के बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ किसानों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्‍होंने यूपी के अलग-अलग जिलों में बने 11.38 करोड़ की लागत से 18 चाकी कीट भवन, 36 सामुदायिक भवन और मशीन शेड का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस अवसर पर उन्‍होंने प्रदेश के विभिन्‍न जिलों से आए रेशम कीट पालन के लिए 10 लाभार्थियों को अनुदान राशि का चेक दिया.  किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज रामनवमी का पावन पर्व है. जगतजननी की नौ दिन पूजा के बाद आज रामनवमी का पर्व आपके जीवन में उल्लास भरे यही कामना है. रेशम मेला का आज शुभारंभ किया गया है. समाज के किसी भी तबके को लाभ पहुंच सके. ये हम सभी का फर्ज है. दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग संभावनाएं हैं.


देश में 11 से 12 फीसदी भूमि हमारे पास है. देश की कृषि के 20 फीसदी से अधिक अन्न का उत्पादन हमारे सामर्थ्य को प्रदर्शित करता है. हमारे यूपी में 9 क्लाइमेट जोन है. अलग-अलग क्लाइमेट जोन में हमारे अन्नदाता फसल उगाते हैं. अन्नदाताओं की आय को बढ़ाने की बात पीएम मोदी ने की थी. खेती करते-करते अतिरिक्त आमदनी खेत के मेड़ पर रेशम के लिए शहतूत लगाने के काम से हो सकता है. रेशम उत्पादन में आपकी बड़ी भूमिका हो सकती है. शहतूत के पेड़ लगाकर 5 साल तक उसकी देखभाल की. उसकी पत्ती निकाल कर रेशम बना सकते हैं. मेहनत करने से क्या कुछ नहीं हो सकता है. यूपी में 350 टन रेशम का उत्पादन होता है. वाराणसी की रेशम की साड़ी प्रदर्शनी में दाम पूछा तो 45 हजार और ढाई लाख की साड़ी है. इसकी डिमांड है.


हिन्दू परिवार रेशम की साड़ी में बेटी को विदा करता है. उस बाजार के लिए रेशम का उत्पादन करना है. वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के माध्यम से देश के अग्रणी राज्य में यूपी को शामिल करने का सरकार प्रयास करना है. रेशम उत्पादन के क्लाइमेटिक जोन को चिन्हित करना है.  नेपाल के तराई से सटी हुई भूमि सबसे उपयोगी है. 600 टन रेशम का उत्पादन इस क्षेत्र में किया जा सकता है. वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर में अच्छा क्लस्टर है. यहां बाजार पूरी तरह से तैयार है.


4 साल में 20 गुना होगा रेशम का उत्पादन


हम दुनिया और खासकर चीन से आने वाले रेशम को रोक सकते हैं. नवाचार और इनोवेशन को पहचानना होगा. रेशम उत्‍पादन के माध्यम से अच्छी आमदनी की जा सकती है. लखनऊ में मेगा टेक्सटाइल पार्क बनने जा रहा है. ये आपके लिए अच्छा अवसर है. जिन भवनों का शिलान्यास हो रहा है, वो समय से पूरा होगा. वहां किसानों को ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्‍ध होगी. रेशम के उत्‍पादन को 15 गुना बढ़ने में 20 वर्ष लगे हैं, तो अगले 4 वर्ष में 20 गुना यानी 3500 टन रेशम का उत्पादन करेंगे. इसके लिए आप सभी को आगे आना होगा.


रेशम उत्‍पादन से परिवार को भी सहारा


इस अवसर पर यूपी के रेशम एवं वस्‍त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान ने भी किसानों को दक्षिण भारत में निःशुल्‍क ट्रेनिंग लेने के लिए आगे आने का आह्वान किया. उन्‍होंने किसानों को बताया कि वे किस तरह से रेशम उत्‍पादन से अपनी आय को बढ़ाने के साथ परिवार को भी सहारा प्रदान कर सकते हैं. इस अवसर पर अपर मुख्‍य सचिव लघु एवं मध्‍यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग डा. नवनीत सहगल ने भी किसानों को इस क्षेत्र में संभावनाओं के बारे में बताया. इसके साथ ही उन्‍होंने किसानों को बताया कि सरकार इस क्षेत्र में क्‍या कार्य कर रही है. उनके लिए इस क्षेत्र में कितनी संभावनाएं हैं. इस अवसर पर जिला पंचायत अध्‍यक्ष साधना सिंह, भाजपा के प्रदेश उपाध्‍यक्ष डा. धर्मेन्‍द्र सिंह, विधायकगण के साथ अन्‍य गणमान्‍य लोग उ‍पस्थित रहे.  


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