लखनऊ: नगर निगम का 200 करोड़ का बॉन्ड बुधवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस ऐतिहासिक पल के साक्षी रहे. ऐतिहासिक पल इसलिए भी क्योंकि ये नार्थ इंडिया का पहला नगर निकाय है जिसने अपना बॉन्ड जारी किया है. लखनऊ नगर निगम का बॉन्ड लिस्टेड होने के बाद अब जल्द ही लखनऊ में औरंगाबाद खालसा स्थित बहुमंजिला आवासीय योजना का काम भी एक बार फिर शुरू होगा जो बजट की कमी के चलते 3 साल से रुक पड़ा था.


नगर निगम ने 2016 में औरंगाबाद खालसा में बहुमंजिला आवासीय योजना शुरू की थी. लेकिन बजट की कमी के चलते 2017 के अंत में इस योजना का काम ठप हो गया. 5 हेक्टेयर की इस आवासीय योजना में कुल 684 अपार्टमेंट बनाये जाने हैं. 800 गाड़ियों की क्षमता की डबल बेसमेंट पार्किंग की व्यवस्था भी यहां है. योजना बंद होने से पहले करीब 40 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 291 करोड़ 25 लाख है.


नगर निगम ने जो बॉन्ड जारी किए हैं उसमें से 194 करोड़ 71 लाख रूपये इसी प्रोजेक्ट में लगाये जायेंगे. बाकी बजट का इंतजाम नगर निगम अन्य सोर्सेज से करेगा. लेकिन, बॉन्ड जारी होने के बाद इतना तय है कि राजधानी वासियों को आने वाले समय मे एक बेहतरीन आवासीय योजना की सौगात मिलेगी. बॉन्ड जारी होने के साथ ही प्रोजेक्ट साइट पर साफ सफाई का काम भी शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा बॉन्ड से आने वाली बाकी रकम अमृत योजना के तहत सीवरेज और वाटर सप्लाई पर खर्च की जाएगी.


शेयर मार्केट और आर्थिक मामलों के एक्सपर्ट के अनुसार कहने को तो नगर निगम ने सिर्फ 200 करोड़ के बॉन्ड जारी किये हैं. लेकिन इसके मायने काफी अहम हैं. लॉन्ग टर्म में ये व्यवस्था यूपी के विकास को बूस्ट करेगी. एक शेयर कंपनी के वाईस प्रेजिडेंट और सीनियर फाइनेंसियल एक्सपर्ट मृदुल वर्मा ने बताया कि हर कोई अपना बॉन्ड जारी नहीं कर सकता. काम से कम तीन साल की बैलेंस शीट अच्छी होने पर ही BSE अपने यहां लिस्ट करती है. यानी इस बॉन्ड का जारी होना लखनऊ नगर निगम के अच्छे हालात दिखता है. दूसरा अगर नगर निगम 200 करोड़ रुपये बैंक से ब्याज पर लेता तो वो अधिक होता, बांड के माध्यम से कम ब्याज जाएगा. ऐसे में नगर निगम के प्रोजेक्ट की लागत कम होगी. इससे लोगों को कम रेट पर फ्लैट मिल पाएंगे. इसके अलावा कॉर्पोरेट सेक्टर का इन्वेस्टमेंट आने से ये फायदा है कि आज 200 करोड़ का बॉन्ड है कल 2000 करोड़ हो सकता है. इससे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को रफ्तार मिलेगी. यानी कुल मिलाकर लंबे समय के विकास के लिए राह खुली है.


मुम्बई में बॉन्ड की लिस्टिंग के दौरान ही सीएम योगी ने कहा कि अब गाजियाबाद, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर और आगरा नगर निगम के बॉन्ड लाये जाएंगे. नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि गाजियाबाद नगर निगम का बॉन्ड तो 3 से 6 महीने में लाने की तैयारी है. इसके बाद क्रमशः बाकी शहरों के बॉन्ड आएंगे.


पीएम मोदी ने 2018 में आयोजित स्मार्ट सिटी सम्मेलन में लखनऊ और गाजियाबाद नगर निकाय के बॉन्ड जारी करने की घोषणा की थी. फरवरी 2018 में इस योजना पर काम शुरू हुआ और अब लखनऊ नगर निगम का बांड BSE में लिस्टेड हो चुका है. अपर नगर आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि लखनऊ म्युनिसिपल बॉन्ड बिडिंग में कुल 450 करोड़ की 21 बिड आयी. ये बॉन्ड 4.5 गुना अधिक सब्सक्राइब हुआ और 10 साल के लिए 8.5 फीसदी की आकर्षक दर पर बंद हुआ है. नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो अब तक देश में जारी क्रेडिट रेटिंग डबल ए में न्यूनतम दर है, तथा सभी तरह की क्रेडिट रेटिंग में पूरे देश में पुणे नगर निगम के बाद द्वितीय न्यूनतम दर पर सब्सक्राइब हुआ.



ये भी पढ़ें:



इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कही बड़ी बात, दो वयस्क लिव-इन संबंध में रह सकते हैं साथ


मुजफ्फरनगर: शादी समारोह में पहुंची दुष्कर्म पीड़िता ने खोले चौंकाने वाले राज, दूल्हे समेत हवालात पहुंच गई बारात