EWS Quota Verdict: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने दाखिले और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10 फीसदी आरक्षण बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले का स्वागत किया है. सीएम योगी ने इसे युगांतकारी निर्णय बताया है.
योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर पर लिखा, ''माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा आज आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आरक्षण की व्यवस्था को वैध करार देने का निर्णय अभिनंदनीय है.'' उन्होंने आगे कहा कि ''यह युगांतकारी निर्णय आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निर्धन-कल्याण और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता पर संवैधानिक मुहर है.''
बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है. 5 जजों की संविधान बेंच ने 3:2 के बहुमत से संविधान के 103वें संशोधन को सही करार दिया है. इसी संशोधन के जरिए आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की व्यवस्था बनाई गई थी. कोर्ट ने माना है कि इस तरह का आरक्षण संवैधानिक है और यह किसी भी दूसरे वर्ग के अधिकार का हनन नहीं करता है. जनवरी 2019 में संविधान में किए गए 103वें संशोधन के जरिए अनुच्छेद 15 (6) और 16 (6) को जोड़ा गया था. इसके जरिए सरकार को यह अधिकार दिया गया था कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए विशेष व्यवस्था बना सकती है.
आज दिए फैसले में सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों- जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, बेला एम त्रिवेदी और जमशेद पारडीवाला ने EWS आरक्षण को सही करार दिया है. इन जजों ने माना है कि संविधान ने सरकार का यह कर्तव्य तय किया है कि वह हर तरह के कमजोर तबके को उचित प्रतिनिधित्व दे कर उसे मुख्यधारा में लाने की कोशिश करे. ऐसे में गरीबी के चलते पिछड़ रहे सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने की व्यवस्था बनाने में कोई संवैधानिक गलती नहीं है.
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