UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित श्रावस्ती और बलरामपुर का हवाई सर्वे किया. उन्होंने अधिकारियों से बाढ़ प्रभावित इलाकों की जानकारी ली. साथ ही राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए. सीएम ने दोनों जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया. उन्होंने आपदा से प्रभावित बच्चों और महिलाओं से मुलाकात की. साथ ही बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री वितरित की.
सीएम ने अपनों को खोने वाले परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि का चेक भी प्रदान किया. उन्होंने बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने वाले पीएसी के जवानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इस दौरान मंत्री स्वतंत्र देव सिंह समेत स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने श्रावस्ती की बाढ़ प्रभावित इकौना तहसील के सभी गांवों का हवाई सर्वे किया. उन्होंने अधिकारियों से बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली. देवी पाटन मंडलायुक्त शशि भूषण सुशील और श्रावस्ती जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने सीएम को बताया कि नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद अचानक पानी छोड़े जाने से जनपद में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है. फिलहाल पानी का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है.
सीएम योगी ने लक्ष्मणपुर कोठी राप्ती बैराज का स्थलीय निरीक्षण किया. यहां पर उन्होंने बाढ़ में रेस्क्यू किए गए 11 पीड़ितों से एक-एक कर मुलाकात की और उनका हालचाल जाना. सीएम योगी ने राहत सामग्री किट वितरित किए. उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से संवाद करते हुए कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष, सर्पदंश, आकाशीय बिजली समेत अन्य आपदाओं के दौरान जान गंवाने वाले किसान और बटाईदार के परिजनों को तत्काल सहायता धनराशि दी जा रही है. वर्तमान में प्रदेश के 12 जनपद बाढ़ प्रभावित हैं. इसमें 33 तहसील के 633 गांव शामिल हैं, जिसकी करीब 17.97 लाख की आबादी प्रभावित है. इसमें 18 हजार से अधिक मवेशी भी प्रभावित हैं. 1.45 लाख से अधिक हेक्टेयर कृषि भूमि भी प्रभावित है. इन इलाकों में 923 से अधिक बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जहां से बाढ़ की स्थिति और राहत कार्यों की निगरानी की जा रही है.
उन्होंने बताया कि 1,033 से अधिक बाढ़ शरणालय स्थापित किए गए हैं, जहां बाढ़ से प्रभावित लोग रह रहे हैं. श्रावस्ती में 116 गांव बाढ़ प्रभावित हैं या आंशिक रूप से प्रभावित हैं. यहां 15 गांवों में कटान की स्थिति है, जिसकी 76,000 की आबादी प्रभावित है. साथ ही 23,000 से अधिक हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित है. राज्य सरकार पूरी ताकत के साथ राहत कार्य संचालित कर रही है. यही वजह है कि प्रदेश में अब तक जनहानि-धनहानि काफी कम है.
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