प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। सत्ता का नशा जब सिर चढ़कर बोलता है तो जन प्रतिनिधि खुद को तानाशाह समझने लगते हैं। सोमवार को संगम के शहर प्रयागराज में कुछ ऐसी ही नजीर पेश की यूपी की योगी सरकार के नये नवेले मंत्री रवींद्र जायसवाल ने।


दरअसल, एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यूपी सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल पिछले दो दिनों से प्रयागराज में ही थे। सोमवार को उन्होंने बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के दफ्तर में एक प्रेस कांफ्रेंस बुला रखी थी। इसके लिए सूचना व जनसम्पर्क विभाग ने मेल, व्हाट्सएप व फोन के जरिये मीडिया कर्मियों को न्यौता भेजा था।



पचास से ज़्यादा मीडियाकर्मी तय वक्त पर बोर्ड आफ रेवेन्यू के दफ्तर में पहुंच भी गए थे। मंत्री जी करीब चालीस मिनट की देरी से प्रेस कांफ्रेस में पहुंचे। पत्रकारों ने उन्हें देर से आने की याद दिलाई तो सत्ता के नशे में मदहोश तुनक मिजाज मंत्री भड़क उठे। सार्वजनिक शिष्टाचार का पालन करते हुए खेद जताने के बजाय उन्होंने तीखे लहजे में कहा कि जिसे देर हो रही थी, वह जा सकता था।


मीडिया कर्मियों ने उनके इस व्यवहार पर आपत्ति जताई तो मंत्री जी साफ तौर भड़क गए। उन्होंने साफ फरमान सुना दिया कि अगर आप लोगों को रुकना हो तो रुकिए, नहीं तो जा सकते हैं। इस पर मीडियाकर्मी जाने के लिए उठने लगे तो मंत्री के स्टाफ ने उनसे रुकने की गुजारिश की, लेकिन तुनक मिजाज मंत्री ने अपने सहयोगियों को रोकने से साफ मना कर दिया।



इस दौरान मंत्री जी लगातार जाइये-जाइये बोलते हुए पत्रकारों को लेकर बड़बड़ाते भी रहे। बहरहाल मंत्री के इस अप्रत्याशित रवैये से हैरत में पड़े मीडियाकर्मियों ने प्रेस कांफ्रेंस का बहिष्कार कर दिया। मंत्री के इस रवैये को लेकर लोग यही कहते रहे हैं कि चोरी और उस पर सीनाजोरी। यानी मंत्री रवींद्र जायसवाल ने पहले तो गलती की और उसके बाद मंत्री होने का रौब झाड़ते नजर आए।