मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने पुण्‍यतिथि सप्ताह के शुभारम्भ पर गुरुजनों को याद किया. उन्‍होंने कहा कि वर्तमान पीढ़ी का सौभाग्य है कि जब अयोध्या में युद्ध स्तर पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है, वे श्रीराम कथा श्रवण की परम्‍परा से उस दौर में जुड़ रहे हैं. अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 500 वर्षों के लंबे इंतजार में कई पीढ़ियां चली गईं. लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया.


 श्रीराम मंदिर का निर्माण अपनी विरासत के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित करने का भी माध्यम है. अपनी विरासत और महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के ही लिए गोरखनाथ मंदिर में प्रति वर्ष ब्रह्मलीन आचार्यों की पुण्य स्मृति में कथा का आयोजन होता है. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्‍यतिथि के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में एक सप्‍ताह तक श्रीराम कथा और संगोष्‍ठी का आयोजन किया गया है. गुरु-शिष्‍य परम्‍परा के लिए सदियों से पहचान रखने वाले नाथ सम्‍प्रदाय के सबसे बड़े पीठ गोरक्षपीठ में पीठाधीश्‍वर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने दोनों गुरुओं को श्रद्धासुमन अर्पित किए. 


इस अवसर पर गर्भ गृह से कथा ज्ञानयज्ञ शोभयात्रा निकाली गई. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का पावन जीवन चरित्र समूची मानवता के लिए दिग्दर्शन है, प्रेरणा एवं प्रकाश है. उनके जीवन से हम सबको विषम परिस्थितियों में जूझने की प्रेरणा मिलती है. हमारे मनीषियों ने माना है कि श्रीराम ही साक्षात धर्म हैं अर्थात श्रीराम ही सबकुछ हैं.


सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 53वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 8वीं पुण्यतिथि समारोह के उपलक्ष्य में बुधवार अपराह्न श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म की व्याख्या को लेकर विद्वानों में कुछ मतभेद हो सकता है, लेकिन अलग-अलग व्याख्याओं में धर्म के जितने भी लक्षण बताए गए हैं, वे सब श्रीराम के पावन चरित्र में समाहित हैं. 


भगवान श्रीराम की कथा जिसने भी सुनी, उसके जीवन की सभी व्यथा दूर हुई. उसे भवसागर से मुक्ति मिली और सफलता का मार्ग प्रशस्त हुआ. यह हम सबका सौभाग्य है कि हमें श्रीराम कथा श्रवण का आनंद प्राप्त हो रहा है. उन्‍होंने कहा कि वार्षिक कथा के श्रवण के लिए श्रद्धालुओं को उत्सुकता से इंतजार रहता है. इस अवसर पर उन्होंने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के श्रीचरणों में नमन कर अपनी श्रद्धा निवेदित की.


मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री के संबोधन के उपरांत श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा का रसपान व्यासपीठ पर विराजमान जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज (पीठाधीश्वर, अशर्फी भवन अयोध्या) ने कराया. इस अवसर पर जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्य, दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, स्वामी अनंताचार्य, महंत शेरनाथ, संत अवधेश दास, सतुआ बाबा समेत बड़ी संख्या में संतजन, यजमान व श्रद्धालु उपस्थित रहे. कथा प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक सुनाई जाएगी. इसका विराम हवन एवं भंडारे के साथ 13 सितंबर को होगा.


श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ से पूर्व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मुख्य मंदिर से कथा स्थल तक बैंडबाजे, शंख ध्वनि की गूंज तथा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शोभायात्रा निकाली गई. 


शोभायात्रा के कथा स्थल पहुंचने पर गोरक्षपीठाधीश्वर ने अखंड ज्योति स्थापित की. गोरक्षपीठ के ब्रह्मलीन महंतद्वय की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में विभिन्न सामयिक और ज्वलंत विषयों पर व्याख्यानमाला का शुभारंभ गुरुवार को सुबह 10.30 बजे से होगा. शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे. पहले दिन 8 सितंबर को 'आजादी का अमृत महोत्सव: संकल्पना से सिद्धि तक' विषय पर व्याख्यान होगा.


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