CM Yogi Adityanath News: प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के कक्षा 1 से 8 तक के 1 करोड़ 91 लाख छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में सोमवार को डीबीटी के माध्यम से 1200-1200 रुपये भेजे गए. सीएम योगी ने ये रकम ऑनलाइन खातों में भेजने का काम किया. इस धनराशि से ये छात्र-छात्राएं यूनिफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा और स्टेशनरी खरीद सकेंगे. सरकार ने पहली बार स्टेशनरी के लिए भी बजट दिया है.


कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्या, योगेन्द्र उपाध्याय और माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी भी मौजूद रहीं.


सीएम ने 9 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को पुरस्कार भी दिया


इस अवसर पर सीएम योगी ने स्वच्छ विद्यालय के लिए 9 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को पुरस्कार भी दिया. सीएम योगी ने प्राइमरी स्कूल में NCERT की मैथ्स किट और अपर प्राइमरी स्कूल में मैथ्स और साइंस किट भी बांटी. इसके अलावा विद्यालय परिसर में बने 21,791 आंगनबाड़ी केंद्रों में फर्नीचर उपलब्ध कराने का अभियान भी शुरू किया गया.


इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि स्कूल चलो अभियान के अच्छे परिणाम आये हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्ष से चिंतित थे कि कोरोना से सब बुरी तरह प्रभावित हुआ है लेकिन सबसे प्रभावित क्षेत्र शिक्षा रहा और उसमे भी ज्यादा बेसिक शिक्षा.


ऑपरेशन कायाकल्प से स्कूलों की तस्वीर बदली


सीएम ने कहा कि 2017 के पहले स्कूलों में भवनों पर बड़े-बड़े पेड़ उगे हुए थे कहीं छात्र थे तो शिक्षक नहीं और कहीं शिक्षक थे तो छात्र नहीं. स्कूलों में शौचालय, पेयजल तक की समस्या थी. हमने इसे लेकर अभियान चलाया, और तस्वीर बदली. इन सरकारी स्कूलों में जो छात्र संख्या 1 करोड़ 34 लाख पहुँच गयी थी उसे इस साल 1 करोड़ 91 लाख पहुंचाई गई. ऑपरेशन कायाकल्प से इन स्कूलों की तस्वीर बदली.  


उन्होंने आगे कहा कि 2017 से पहले 60 से 70 फीसदी छत्राएं नंगे पैर स्कूल आती थी. बालको में भी ऐसी ही संख्या थी लेकिन आज इन स्कूलों के छात्र-छात्राएं गौरव महसूस कर सकते हैं कि वो भी कान्वेंट स्कूल की तरह शिक्षा पाने के हकदार हैं.


सीएम शिक्षकों से ये अपील की


सीएम ने कहा की बच्चे में देश के लिए भावनात्मक संवेदना भरने का वक्त है. प्रत्येक बच्चे के मन में अपने स्कूल, देश, गांव, शिक्षक, अभिभावकों के प्रति सम्मान का भाव पैदा करना है. सीएम ने शिक्षकों से कहा कि विद्यालय के भवन की देखभाल हमें मंदिर, पवित्र धर्मस्थल की तरह करनी होगी. जिस ग्राम पंचायत में हमारा विद्यालय है वहां का एक बच्चा ऐसा न रहे हों जो स्कूल जाने से छूट जाये.


इसके लिए गांव जाकर एक-एक अभिभावक से संपर्क बनाना होगा. बच्चा स्कूल नहीं आ रहा तो उसका हालचाल लें. शिक्षकों के पास फोन नंबर के साथ सभी का डेटा होना चाहिए. बच्चों को क्लास के बाद या मॉर्निंग असेंबली में गाँव के बारे में बताएं. जैसे यहाँ के कितने लोग सरकारी सेवा कर रहे, कितने स्वरोजगार कर रहे. सरकार की किन-किन योजनाओं का लाभ किन-किन परिवारों को प्राप्त हो रहा ये भी बताएं.


स्कूल में बुक बैंक बनवाने की बात की


सीएम ने कहा की डीबीटी से हमने पैसा तो भेज दिया लेकिन सभी शिक्षकों से अनुरोध है कि वो प्रयास करें कि उन सभी बच्चों के लिए समय पर यूनिफार्म प्राप्त हो. अभिभावकों साथ बैठक करें. सुनिश्चित करें बच्चे ये सामान लेकर आएं. सीएम ने कहा की बच्चे जब कक्षा से पास हो जाते हैं तो उनकी पुरानी किताब जमा कराकर स्कूल में बुक बैंक बनवायें. ऐसे में अगर कभी किताब मिलने में देरी हो तो इस बुक बैंक से किताब दे सकते हैं.


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