(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Aditya-L1 Mission: 'चांद के साथ अब सूर्य पर भी...', आदित्य एल1 के सफल लॉन्च पर सीएम योगी ने ISRO को दी बधाई
Aditya-L1 Mission: सीएम योगी ने आदित्य एल1 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के लिए इसरो की टीम और सभी देशवासियों को बधाई दी और कहा चांद के साथ अब भारत सूर्य पर भी आत्मनिर्भर भारत का साक्षी बनेगा.
Aditya-L1 Mission Launch: चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद अब भारत ने सूर्य की ओर रुख कर दिया है. इसरो ने मिशन आदित्य-एल1 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया, जिसे सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर दिया गया है. इसरो ने इसकी जानकारी दी है. जिस पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि चांद के साथ अब भारत सूर्य पर भी आत्मनिर्भर भारत की शक्ति का साक्षी बनेगा.
सीएम योगी ने आदित्य एल1 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के लिए इसरो की टीम और सभी देशवासियों को बधाई दी. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए इस मिशन की सफलता के लिए कामनाएं की. सीएम योगी ने लिखा, "संपूर्ण मानवता की सेवा के ध्येय के साथ आज 'नए भारत' की सामर्थ्य का प्रतीक PSLV-C57/Aditya-L1 मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया. आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में 140 करोड़ देश वासियों की आशाओं का 'नया सूर्य' बने... इस प्रतिष्ठित मिशन की पूर्ण सफलता के लिए अनेक मंगलकामनाएं! चंद्रमा के साथ ही अब सूर्य भी 'आत्मनिर्भर भारत' की शक्ति का साक्षी बनेगा." सीएम योगी ने इसके लिए इसरो और मिशन आदित्य एल1 से जुड़ी टीम को हार्दिक बधाई भी दी.
पीएम मोदी ने भी दी वैज्ञानिकों को बधाई
भारत का सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी हैं. उन्होंने कहा है कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा को जारी रखा है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा है, "संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे."
आदित्य एल1 भारत का पहला सूर्य मिशन है. आज सुबह ठीक 11.50 मिनट पर आदित्य एल 1 को श्री हरिकोटा से लॉन्च किया गया. आदित्य एल1 को लैग्रेंजियन प्वाइंट-1 तक पहुंचने में 127 दिन लगेंगे. इसके बाद कुछ परीक्षण किए जाएंगे. जिसके बाद अगले साल फरवरी या मार्च तक डेटा आना शुरू हो जाएगा. खास बात ये है कि ये अंतरिक्ष में एल1 प्वाइंट पर रखा जाएगा जो एक स्थिर बिंदु है.