गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीमारियों की रोकथाम में एम्स को उसी भूमिका में आना पड़ेगा, जिसके लिए वह जाना जाता है. प्रयोगशाला से बेहतर शोध फील्ड में हो सकता है. फील्ड में जाकर कार्य करना पड़ेगा. बीमारियों का उपचार अंतिम विकल्प है, यह प्रयास बचाव से शुरू होता है. इसी प्रयास से यहां इंसेफ्लाइटिस जैसी बीमारी पर नियंत्रण पाया गया और कोरोना पर नियंत्रण पाने के हम करीब हैं. इस कार्य के लिए एम्स, गोरखपुर एक बेहतरीन उदाहरण बन सकता है. टीम वर्क हमें बेहतर परिणाम दे सकता है.


मुख्यमंत्री यहां एम्स में गुरुवार को आयोजित 'स्वस्थ पूर्वी उत्तर प्रदेश- एक पहल’ अभियान के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रकृति व परमात्मा की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है. यहां देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा है. गोरखपुर-बस्ती मंडल, पूर्वी-उत्तरी बिहार और नेपाल के लगभग पांच करोड़ लोगों की स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेदारी गोरखपुर पर है. जब हम समस्या को ठीक से समझ लेते हैं, तो बेहतर परिणाम आता है. यहां लोगों ने लंबे समय तक इंसेफ्लाइटिस से होती मौतों को देखा है. 38 जिले इससे सीधे प्रभावित थे.


मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 1977 से मौतें हो रही थीं. इस बीमारी से प्रभावित लोग वोट बैंक तो बने. लेकिन, इनके बारे में किसी भी दल ने सत्ता में आने के बाद सोचा तक नहीं. बतौर सांसद इसे मैंने संसद में मुद्दा बनाया. मुख्यमंत्री बनने के बाद इसकी रोकथाम के लिए प्रयास शुरू किया. आज इंसेफ्लाइटिस पर हमने लगभग 95 फीसद नियंत्रण पा लिया है. एक साल में हजारों मौतें होती थीं. इस साल इनकी संख्या काफी कम है. यदि हम पोलियो पर विजय प्राप्त कर सकते हैं, तो आने वाले दिनों में टीबी को भी नियंत्रित करने में सफल होंगे. सकारात्मक भाव बनाकर आगे बढ़ें.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि कोरोना के प्रबंधन व नियंत्रण में प्रदेश पूरी तरह सफल रहा. अब हम अंतिम विजय पाने के करीब हैं. एक माह में हमारे पास वैक्सीन आ चुकी होगी. इस महामारी से अमेरिका में 8 फीसद मौतें हुईं. देश के अन्य विकसित राज्यों में इनकी संख्या तीन से पांच फीसद थी. उत्तर प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या मात्र 1.04 फीसद है. यदि कुछ सीनियर फेकेल्टी अपने कार्यों में लापरवाही नहीं बरती होती तो यह आंकड़ा एक फीसद से भी नीचे रहता. हमारे प्रबंधन व नियंत्रण की डब्लूएचओ ने भी सराहना की. इस पर भी रिसर्च पेपर लिखा जाना चाहिए.


कार्यक्रम का स्वागत एम्स की निदेशक प्रो. सुरेखा किशोर ने किया. उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के सेहत सुधार की पूरी रूपरेखा प्रस्तुत की. संचालन और धन्यवाद ज्ञापन डा. प्रियंका द्विवेदी डा. अमरप्रीत कौर ने किया.


ये भी पढ़ें-

हरिद्वार: कुंभ मेले में मुसीबत बन सकते हैं जंगली हाथी, वन विभाग कर रहा बड़ी तैयारी, बनेंगी खास दीवारें


प्रयागराज: अपराधियों के खिलाफ जारी है कार्रवाई, हिस्ट्रीशीटर छुट्टन गिरी और ऋषि भारतीय के अशियानों पर चला बुलडोजर